श्रीनगर : सियाचिन में बर्फीले तूफान के बाद ग्लेशियर में हिमस्खलन होने से सोमवार को चार सैनिक और दो पोर्टर बर्फ में दब गए। सभी को रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर हेलीकॉप्टर की मदद से सैन्य अस्पताल ले जाया गया, लेकिन चारों सैनिकों और दोनों पोर्टरों की मौत हो गई।
सियाचिन ग्लेशियर के उत्तरी क्षेत्र में 19 हजार फीट की ऊंचाई पर इस कठिन क्षेत्र में सोमवार दोपहर को हिमस्खलन हुआ, जिसमें गश्ती दल के 8 जवान फंस गए। जवानों को बचाने के लिए सेना ने तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया। हिमस्खलन की चपेट में आए सेना के जवान गश्त करने वाली टीम का हिस्सा हैं, जिसमें आठ जवान शामिल थे।
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ऐसा ही भारी हिमस्खलन 3 फरवरी, 2016 को भी हुआ था जिसमें करीब 10 जवान शहीद हो गए थे। लांस नायक हनमनथप्पा कोपड़ करीब 25 फीट बर्फ के अंदर दबे रहकर छह दिनों तक जिंदा रहने के बाद उन्होंने दिल्ली के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली थी। सियाचिन में इससे पहले भी कई बार ऐसे हादसों में भारतीय सेना के सैकड़ों जवान अपनी जान गंवा चुके हैं।
आंकड़ों के अनुसार, साल 1984 से लेकर अब तक हिमस्खलन की घटनाओं में सेना के 35 ऑफिसर्स समेत 1000 से अधिक जवान सियाचिन में शहीद हो चुके हैं।