नई दिल्ली : देश में जारी कोरोना संकट के बीच तैयार की जा रही कोरोना वैक्सीन का पहला चरण सफल हो गया है. पहले चरण में 375 वॉलिंटियर्स को टीके लगाए गए और इनमे से किसी को साइड इफेक्ट भी नहीं हुआ है. बता दें कि ट्रायल की यही रफ्तार रही तो अगले साल की शुरुआत में
भारत कोरोना वैक्सीन तैयार कर सकता है.
बता दें कि भारत बायोटेक और आईसीएमआर मिलकर कोरोना
वैक्सीन तैयार कर रहे हैं. ट्रायल के पहले चरण में 375 वॉलिंटियर्स को
वैक्सीन की दो- दो डोज दी गई. यह चरण दिल्ली के एम्स समेत देश के 12
संस्थानों में किया गया. अभी तक के नतीजे बता रहे हैं कि किसी भी
वॉलिंटियर्स को कोई साइड इफेक्ट नहीं हुआ है. अब वॉलिंटियर्स के ब्लड
टेस्ट किए जा रहे हैं. जिससे यह देखा जाए कि उन्हें कोई नुकसान तो नहीं
हुआ है.
वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल की शुरुआत सबसे पहले पटना एम्स से हुई. उसके बाद रोहतक के पीजीआई संस्थान में वैक्सीन के ट्रायल की प्रक्रिया शुरू की गई. इनमें सबसे ज्यादा वॉलिंटियर्स दिल्ली के एम्स में रजिस्टर किए गए. देश भर में कुल रजिस्टर्ड 375 में से 100 वॉलिंटियर्स दिल्ली एम्स में रजिस्टर्ड हैं.
बता दें कि वैक्सीन लगाने के बाद पीड़ित 2 घंटे तक अस्पताल में निरीक्षण में रहेगा. इसके बाद 28 दिन तक उसके साइड इफेक्ट देखे जाएंगे. साथ ही 3 महीने तक व्यक्ति का फॉलो अप चलेगा. दूसरे चरण में 700 से ज्यादा लोगों को रजिस्टर किया जाएगा. इस चरण में यह देखा जाएगा कि वैक्सीन लगाने पर शरीर में कितनी एंटीबॉडी तैयार हो रही है.
तीसरे और आखिरी चरण में सबसे ज्यादा लोगों को वालंटियर के तौर पर रजिस्टर किया जाएगा तीसरे चरण में कितने लोग होंगे, यह संख्या अभी तय नहीं की गई है. इसी चरण में यह तय किया जाता है कि असल में वैक्सीन कितनी असरदार साबित हुई.
वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल की शुरुआत सबसे पहले पटना एम्स से हुई. उसके बाद रोहतक के पीजीआई संस्थान में वैक्सीन के ट्रायल की प्रक्रिया शुरू की गई. इनमें सबसे ज्यादा वॉलिंटियर्स दिल्ली के एम्स में रजिस्टर किए गए. देश भर में कुल रजिस्टर्ड 375 में से 100 वॉलिंटियर्स दिल्ली एम्स में रजिस्टर्ड हैं.
बता दें कि वैक्सीन लगाने के बाद पीड़ित 2 घंटे तक अस्पताल में निरीक्षण में रहेगा. इसके बाद 28 दिन तक उसके साइड इफेक्ट देखे जाएंगे. साथ ही 3 महीने तक व्यक्ति का फॉलो अप चलेगा. दूसरे चरण में 700 से ज्यादा लोगों को रजिस्टर किया जाएगा. इस चरण में यह देखा जाएगा कि वैक्सीन लगाने पर शरीर में कितनी एंटीबॉडी तैयार हो रही है.
तीसरे और आखिरी चरण में सबसे ज्यादा लोगों को वालंटियर के तौर पर रजिस्टर किया जाएगा तीसरे चरण में कितने लोग होंगे, यह संख्या अभी तय नहीं की गई है. इसी चरण में यह तय किया जाता है कि असल में वैक्सीन कितनी असरदार साबित हुई.