मानसून का सीजन तुलसी के पौधे को हरा-भरा बनाने का काम करता है, लेकिन हमारी कुछ गलतियों के चलते यह सूख भी सकता है। देखा जाता है कि इस मौसम में भी लोग इसकी देखभाल गर्मियों की तरह ही करते हैं, जो कि बिल्कुल भी सही नहीं है। बता दें, बरसात के दिनों में इस पौधे को खास देखभाल की जरूरत होती है। ऐसे में, इस आर्टिकल में हम आपके लिए इसी से जुड़ी 4 टिप्स लेकर आए हैं।
ज्यादा पानी देना नहीं है समझदारी
चौबीस घंटे ऑक्सीजन देकर वातावरण को शुद्ध करने वाले तुलसी के पौधे को आपकी खास देखभाल की जरूरत होती है। खासतौर से जब बरसात के दिन चल रहे हों, तो आपको इसे ज्यादा पानी नहीं देना चाहिए। बता दें, कि अक्सर लोग मानसून में भी तुलसी को सुबह-शाम पानी देते हैं, जिससे इसकी जड़ें गलना शुरू हो जाती हैं। जाहिर है बारिश का पानी और हवा में मौजूद नमी के कारण इसे गर्मियों के मुकाबले कम पानी की जरूरत होती है।
री-पॉटिंग का सही समय
तुलसी का पौधा तेजी से अपनी जड़ों को फैलाता है। ऐसे में, सालभर से एक ही गमले में लगे हुए पौधे को री-पॉटिंग की जरूरत होती है, क्योंकि गमले के नीचे जड़ों का गुच्छा बन जाने से इसकी ग्रोथ रुक जाती है। बता दें, कि री-पॉटिंग के लिए मानसून का सीजन सबसे बेस्ट है, क्योंकि तेज गर्मी या सर्दी में इस पौधे की जड़ों को छेड़ने से इसके मरने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए इस मौसम में इसकी कटाई-छटाई करके इसे दूसरे गमले में शिफ्ट किया जा सकता है।
जरूर करें ये एक काम
तुलसी के पौधे को सूखने से बचाने के लिए आप मानसून के मौसम में एक जरूरी काम कर सकते हैं। बता दें, बच्चों के स्लेट में लिखने वाली चॉक को घिसकर तुलसी की मिट्टी में मिलाकर पानी देने से इसकी ग्रोथ बेहतर हो जाती है। इस तरीके से पौधे में कैल्शियम की कमी पूरी हो जाती है और सूख रहा पौधा भी एक फिर से नई पत्तियां देना शुरू कर देता है।
पर्याप्त धूप है जरूरी
जहां एक ओर गर्मियों में तुलसी के पौधे को धूप से बचाने की सलाह दी जाती है, तो वहीं मानसून में इसे ज्यादा से ज्यादा धूप चाहिए होती है। ऐसे में, अगर आप भी इसे बारिश के दिनों में दोपहर की धूप नहीं दिखा रहे हैं, तो इसके सूखने की संभावना काफी ज्यादा बढ़ सकती है।