नई दिल्ली : अमेरिका में गौतम अडानी और अडानी समूह से जुड़े 7 अन्य व्यक्तियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल होने के बाद अब बाजार नियामक सेबी भी सक्रिय हो गया है. सेबी अब यह जानना चाहता है कि क्या अडानी समूह ने खुलासा मानदंडों का उल्लंघन किया. सेबी ने स्टॉक एक्सचेंजों को अडानी समूह की कंपनियों से अमेरिकी न्याय विभाग और सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन मामलों से संबंधित लिस्टिंग नियमों के उल्लंघन की जानकारी मांगने का निर्देश दिया है.
गौरतलब है कि 21 नवंबर को अमेरिकी न्याय विभाग ने अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी और समूह से जुड़े सात अन्य लोगों पर भारत में कारोबार हासिल करने के लिए रिश्वतखोरी के गंभीर आरोप लगाए गए हैं. अडानी समूह ने इन आरोपों से इनकार करते हुए इन्हें निराधार बताया है. समूह ने कहा कि वह सभी कानूनी विकल्प का इस्तेमाल करेगा.
एक्सचेंजों ने अडानी समूह से पूछा है कि क्या अमेरिका में जांच के खुलासे में कोई चूक या देरी हुई थी, जिसके तहत समूह के चेयरमैन गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी को 20 नवंबर को आरोपी बनाया गया है. सूत्रों ने कहा कि फिलहाल अधिकारियों या कंपनियों के खिलाफ कोई जांच शुरू नहीं हुई है. घटनाक्रम से अवगत एक शख्स ने कहा, “ऐसी किसी भी जांच या कार्रवाई में काफी देर होती है. फिलहाल में सभी प्रक्रियाएं हमारे निगरानी तंत्र के दायरे में हैं.”
चूक पर हो सकती है कार्रवाई
बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने कहा कि अगर ऐसे मामलों में कोई चूक या देर होने का पता चलता है तो एक्सचेंज कार्रवाई कर सकते हैं या कंपनियों को सलाह जारी कर सकते हैं. मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया, ‘एक्सचेंजों ने स्पष्टीकरण मांगा है और खास तौर पर एलओडीआर पर अडानी समूह की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है.”
गलत जानकारी देने का आरोप
अमेरिकी न्याय विभाग ने आरोप लगाया था कि अडानी समूह ने मीडिया को बताया कि वह “किसी भी जांच से अनजान” है, जबकि उसके शीर्ष अधिकारी जानते थे कि अमेरिका की विभिन्न एजेंसियां जांच कर रही हैं. मार्च 2024 में समूह ने एनएसई और बीएसई को गलत सूचना दी कि अडानी ग्रीन एनर्जी को अमेरिकी न्याय विभाग से कोई नोटिस नहीं मिला है.