पटाखों का धुआं और ठंड की वजह से बारीक धूल यानी सस्पेंडेड पार्टिकल्स से चेस्ट और लंग्स की नसें सिकुड़ने लगती हैं, जिससे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, ब्रीदलेसनेस जैसी प्रॉब्लम परेशान कर सकती है. इस मौसम में अस्थमा मरीजों को अपना खास ख्याल रखना चाहिए. कुछ उपाय अपनाकर अपनी सेहत को बिगड़ने से बचा सकते हैं.
दिवाली पर इन उपायों से रोकें अस्थमा अटैक
1. आतिशबाजी से दूर रहें
आतिशबाजी के कारण एयर वॉल्यूशन होता है. इससे निकला धुआं अस्थमा पेशेंट्स के लिए खतरनाक हो सकता है. इसलिए जितना हो सके इससे दूर रहें. पेंट, वार्निश, धूल, साफ-सफाई और एलर्जी वाली चीजों से बचें.
2. मास्क पहनें
दिवाली के दौरान वायु प्रदूषण बढ़ जाता है, जिससे अस्थमा के मरीजों को सांस लेने में परेशानी हो सकती है. इसलिए कोशिश करें कि मास्क पहनकर ही रहें. बाहर निकलने पर मुंह-नाक ढककर ही रखें. थोड़ी-थोड़ी देर में नाक-मुंह और गला साफ करें. इससे धूल-धुएं से होने वाले सफोकेशन से राहत मिलेगी.
3. घर में ही रहें
दिवाली के दौरान घर में रहना चाहिए और खिड़कियां बंद रखनी चाहिए ताकि प्रदूषित हवा के संपर्क में आने से बचे रहें. शाम के समय घर से बाहर बिल्कुल भी न निकलें. धूल और धुएं के पार्टिकल्स से खुद को बचाएं.
4. हेल्दी फूड्स ही खाएं
दिवाली के दौरान अस्थमा अटैक से बचने के लिए खानपान का ख्याल रखें. गर्म दूध, चाय-कॉफी, गुनगुना पानी, ग्रीन टी, अदरक-तुलसी की चाय और गर्म फूड्स ज्यादा से ज्यादा लें. कोशिश करें कि ठंडा पानी, आइसक्रीम, ठंडे फूड्स न खाएं.
5. एक्सरसाइज करें, तनाव से बचें
तनाव अस्थमा के मरीजों के लिए खतरनाक हो सकता है, इसलिए तनाव कम करने के लिए योग, मेडिटेशन करें. नियमित तौर पर एक्सरसाइज करें. इससे अस्थमा के मरीजों की सांस लेने की क्षमता बढ़ सकती है.
6. दवाएं लें
अस्थमा के मरीजों को अपनी दवाएं नियमित रूप से लेनी चाहिए और डॉक्टर की सलाह लेते रहनी चाहिए. अपनी दवाएं, इन्हेलर, नेबुलाइजर जैसी चीजें पास रखें. डॉक्टर से प्रिकॉशन्स के बारें में सलाह लें. सांस फूलना, इरिटेशन, सीने में दर्द जैसे लक्षण को इग्नोर करने से बचें.