देश के कई हिस्सों में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अस्पताल में बीते कुछ समय से लगातार इनके मामले सामने आ रहे हैं। आमतौर पर बरसात में होने वाली ये बीमारियां मच्छरों के काटने से होती हैं। ऐसे में उनके बढ़ते मामलों को देखते हुए सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है। बात करें उनके निदान की तो मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया की पहचान करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है, क्योंकि मच्छरों की वजह से होने वाली बीमारियों के लक्षण काफी हद तक एक समान ही नजर आते हैं।
हालांकि, समय रहते सही इलाज के लिए जल्द उनकी पहचान करना बेहद जरूरी होता है। ऐसे में गुड़गांव स्थित सी के बिरला हॉस्पिटल में डिपार्मेंट ऑफ इंटरनल मेडिसिन के मुख्य सलाहकार डॉक्टर तुषार तयाल ने हमसे बातचीत करते हुए बताया कि कैसे मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू एक-दूसरे से अलग है और उनकी पहचान किस तरह की जा सकती है।
डेंगू
डेंगू में आमतौर पर अचानक बुखार, सिर दर्द, जोड़ों में दर्द, आंखों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द और शरीर में दाने जैसे लक्षण नजर आते हैं। यह सभी लक्षण आमतौर पर बुखार के कुछ दिनों बाद दिखाई दे सकते हैं। डेंगू बुखार का प्रमुख लक्षण मांसपेशियों और जोड़ों में गंभीर दर्द है, जिसे अक्सर ‘ब्रेक फीवर’ कहा जाता है।
मलेरिया
बात करें मलेरिया की, तो इसके लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, पसीना आना, सर दर्द, मतली और उल्टी आदि शामिल हैं। डेंगू बुखार के विपरीत मलेरिया में समय-समय पर बुखार (अक्सर हर दो-तीन दिन में) होता है, जो पैरासाइट की लाइफ साइकिल के अनुसार होता है। मलेरिया के कुछ मामलों में रेड ब्लड सेल्स के नष्ट होने के कारण एनीमिया या पीलिया की समस्या भी हो सकती है।
चिकनगुनिया
चिकनगुनिया में आमतौर पर तेज बुखार और जोड़ों खासकर हाथों, कलाई और टखनों में तेज दर्द होता है। चिकनगुनिया में होने वाला जोड़ों का दर्द डेंगू बुखार की तुलना में ज्यादा तेज और ज्यादा समय तक रहता है, जो कभी-कभी कई महीनो तक रह सकता है। यह तीनों बीमारियां तेज बुखार और जोड़ों के दर्द का कारण बन सकती हैं। ऐसे में इन तीनों के सही निदान और इलाज के लिए हमेशा डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।