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रोजाना नाभि पर लगाएं यह आयुर्वेदिक तेल, फायदें कर देंगे हैरान
फाइल फोटो


आयुर्वेद, भारतीय संस्कृति की एक प्राचीन विज्ञान, शरीर, मन और आत्मा के बीच संतुलन बनाने का एक अनूठा तरीका है। आयुर्वेद में नाभि को शरीर का सबसे जरूरी केंद्र माना जाता है। नाभि को "केंद्र बिंदु" या "ऊर्जा का स्रोत" कहा जाता है, क्योंकि यह शरीर के सभी अंगों और प्रणालियों को जोड़ने का काम करती है।

नाभि में तेल लगाने की प्रक्रिया को "नाभि पुरण" कहा जाता है, जो शरीर को स्वस्थ रखने और कई बीमारियों से बचाने में मदद करती है। यह प्रक्रिया (Ayurvedic Navel Oiling) न केवल फिजिकल हेल्थ को बढ़ावा देती है, बल्कि मानसिक शांति और आध्यात्मिक विकास में भी मददगार होती है।

आइए इस आर्टिकल में आपको ऐसे आयुर्वेदिक तेल के बारे में बताते हैं, जिसे रोजाना रात को सोने से पहले नाभि पर लगाने से गजब के फायदे (Belly Button Oiling Benefits) मिल सकते हैं।

नाभि में तेल लगाने के फायदे

पाचन तंत्र को बनाए मजबूत

नाभि में तेल लगाने से पाचन तंत्र को मजबूती मिलती है। यह कब्ज, गैस, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। नाभि में तेल लगाने से पेट की गर्मी शांत होती है और पाचन अग्नि (जठराग्नि) को संतुलित करने में मदद मिलती है।

त्वचा में लाए निखार

नाभि में तेल लगाने से त्वचा को पोषण मिलता है। यह त्वचा को नमी प्रदान करता है और रूखेपन, खुजली और एक्जिमा जैसी समस्याओं को दूर करता है। त्वचा की प्राकृतिक चमक बढ़ाने में भी यह प्रक्रिया कारगर है

तनाव और चिंता करे दूर

नाभि में तेल लगाने से शरीर को आराम मिलता है और मन शांत होता है। यह प्रक्रिया तनाव, चिंता और अनिद्रा जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करती है। नाभि में तेल लगाने से नर्वस सिस्टम को शांति मिलती है, जिससे गहरी और आरामदायक नींद आती है।

बूस्ट होती है इम्युनिटी

नाभि में तेल लगाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। यह शरीर को संक्रमण और बीमारियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है। नियमित रूप से नाभि में तेल लगाने से सर्दी-जुकाम और अन्य संक्रामक रोगों से बचाव होता है।

हार्मोनल बैलेंस

नाभि में तेल लगाने से हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है। यह महिलाओं में मासिक धर्म संबंधी समस्याओं को दूर करने और हार्मोनल असंतुलन को ठीक करने में सहायक होता है।

जोड़ों के दर्द में आराम

नाभि में तेल लगाने से जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद मिलती है। यह प्रक्रिया विशेष रूप से गठिया और जोड़ों की अन्य समस्याओं से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद है।

नाभि के लिए घर पर बनाएं Ayurvedic Oil

आप घर पर ही आसानी से एक आयुर्वेदिक तेल तैयार कर सकते हैं, जो नाभि में लगाने के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। इसके लिए आपको नीचे दी गई कुछ सामग्री की जरूरत होगी।

सामग्री:

  • 50 मिलीलीटर तिल का तेल (Sesame Oil)
  • 10 ग्राम अश्वगंधा पाउडर (Ashwagandha Powder)
  • 10 ग्राम ब्राह्मी पाउडर (Brahmi Powder)
  • 5 ग्राम लौंग (Cloves)
  • 5 ग्राम दालचीनी (Cinnamon)
  • बनाने की विधि:
  • एक स्टील या कांच के बर्तन में तिल का तेल गर्म करें।
  • तेल गर्म होने के बाद उसमें अश्वगंधा पाउडर और ब्राह्मी पाउडर डालें।
  • अब इसमें लौंग और दालचीनी डालकर धीमी आंच पर 5-7 मिनट तक पकाएं।
  • तेल को ठंडा होने दें और फिर इसे एक साफ शीशी में छानकर भर लें।
  • इस तेल को ठंडी और अंधेरी जगह पर स्टोर करें।
  • नाभि में तेल लगाने का तरीका
  • सोने से पहले नाभि में 2-3 बूंद इस तेल की डालें।
  • तेल को नाभि के आसपास हल्के हाथों से मालिश करें।
  • तेल को 5-10 मिनट तक लगा रहने दें, ताकि यह अच्छी तरह से अवशोषित हो सके।
  • इसके बाद आप आराम से सो सकते हैं।
  • इन बातों का रखें ध्यान
  • हमेशा शुद्ध और प्राकृतिक तेल का ही उपयोग करें।
  • अगर आपकी त्वचा सेंसिटिव है, तो तेल लगाने से पहले पैच टेस्ट कर लें।
  • गर्भवती महिलाओं को इस प्रक्रिया को अपनाने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
  • अगर आपको किसी तरह की एलर्जी है, तो तेल में यूज की जाने वाली सामग्री को ध्यान से चुनें।


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