नई दिल्ली : पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश इस समय भारी उथल-पुथल से गुजर रहा है. हिंदुओं पर हमले और धर्मगुरु चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के बाद ISKCON पर बैन लगाने की तैयारी की जा रही है. इस संबंध में हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है.
अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट को बताया कि ISKCON एक धार्मिक कट्टरपंथी संगठन है. इस पर कोर्ट ने उन्हें निर्देश दिया कि वह इस्कॉन पर सरकार के रुख और देश की मौजूदा स्थिति का खाका पेश करे. कोर्ट ने सरकार को सचेत रहने को कहा है ताकि देश में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति नहीं बिगड़े.
हाईकोर्ट की जस्टिस फराह महबूब और जस्टिस देबाशीष रॉय की पीठ ने इस संबंध में कहा कि इससे पहले एक वकील ने इस्कॉन पर बैन लगाने के लिए याचिका दायर की और चटगांव में वकील सैफुल आलम की हत्या सहित पूरी स्थिति को कोर्ट के संज्ञान में लेकर आया. इस पर अब कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि इस्कॉन संगठन क्या है? यह कहां से आया है? इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि यह कोई राजनीतिक दल नहीं है बल्कि धार्मिक कट्टरपंथी संगठन है. बता दें कि कुछ दिन पहले ही उन्होंने संविधान से धर्मनिरपेक्षता शब्द को हटाने की मांग की थी.
बता दें कि बांग्लादेश की लॉ एंफोर्समेंट एजेंसी ने चिन्मय कृष्ण दास को देशद्रोह के आरोप में 25 नवंबर को गिरफ्तार किया था. बांग्लादेश की अदालत ने उन्हें मंगलवार को उन्हें जमानत नहीं दी और जेल भेज दिया. इसके बाद चिन्मय दास के समर्थक सड़कों पर उतर आए और उग्र विरोध प्रदर्शन शुरू किया. सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प के दौरान पत्रकारों सहित कम से कम 10 लोग घायल हो गए.
बांग्लादेश सरकार ने ISKCON को बताया धार्मिक कट्टरपंथी संगठन, बैन की कर रहा तैयारी
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