लंदन : रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को खत्म कराने की कोशिश जारी है. अमेरिका लगातार दोनों देशों के बीच जंग को खत्म करने की हर संभव कोशिश कर रहा है. इन सबके बीच एक ब्रिटिश जनरल ने तीसरे विश्वयुद्ध की चेतावनी दी है. नाटो के लिए यूरोप के पूर्व कमांडर रिचर्ड शिर्रेफ ने कहा कि युद्धविराम एक ‘अशुभ’ शब्द है. यह स्थायी होता है, जिसका मतलब है कि लड़ाई कुछ समय के लिए रुकेगी.
उन्होंने कहा कि रूस जब तक अपनी विस्तारवादी नीति पर अड़ा रहेगा, कोई स्थायी शांति संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर थोपे जा रहे समझौते तुष्टीकरण है. युद्धविराम का इस्तेमाल पुतिन अपनी सेना को मजबूत करने के लिए करेंगे. उन्होंने कहा कि हमें अभी तक रूस के साथ होने वाले समझौते के विवरण की जानकारी नहीं है, लेकिन एक बात तय है कि रूस खूनी तरीके से समझौता तोड़ देगा.
एक लेख में उन्होंने कहा, ‘मेरी भविष्यवाणी है कि अगर हम रूस को रोकने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाते तो दो साल के भीतर युद्ध छिड़ जाएगा.’ उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों की सुरक्षा इस बात पर निर्भर करती है कि हम कितने अच्छे से तैयार हैं. उन्होंने कहा कि यूरोप के कई देशों ने यूक्रेन में शांति सैनिक भेजने का वादा किया है. हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और उनके उपराष्ट्रपति साफ कर चुके हैं कि अमेरिका कोई सैन्य गारंटी नहीं देगा.
यूरोप के पास दो साल का समय
यूरोप लगातार शांति सैनिकों की बात कर रहा है, लेकिन रूस अभी से इनका विरोध कर रहा है. पुतिन कभी भी नाटो सैनिकों को अपने दरवाजे पर नहीं चाहेंगे. पूर्व कमांडर ने कहा, ‘पुतिन की शांति सैनिकों पर अचानक हमला करने की संभावना नहीं है. उनकी प्रवृत्ति धीरे-धीरे उकसावे की है. पुतिन ने पहले ही सोशल मीडिया पर पश्चिम के खिलाफ युद्ध छेड़ रहा है, जो हमारे लोकतंत्र को अस्थिर करने में काफी सफल रहा है.’ उन्होंने कहा कि यूरोप के पास रूस से सीधे टकराने के लिए दो साल का समय है. हमें अब अपरंपरागत युद्ध जैसे तोड़फोड़, आगजनी, साइबर अटैक, प्रचार और हत्याओं के लिए तैयार रहना होगा, जो एक पूर्ण युद्ध की स्थितियां बनाएगा. उन्होंने कहा कि पुतिन का लक्ष्य बुल्गारिया से लेकर पोलैंड तक पूर्वी ब्लॉक को एक नए रूसी साम्राज्य में जोड़ना है. युद्ध की जगह लोकतंत्र को खत्म करके यह करना ज्यादा आसान होगा.
यूरोप के पास दो साल का समय
यूरोप लगातार शांति सैनिकों की बात कर रहा है, लेकिन रूस अभी से इनका विरोध कर रहा है. पुतिन कभी भी नाटो सैनिकों को अपने दरवाजे पर नहीं चाहेंगे. पूर्व कमांडर ने कहा, ‘पुतिन की शांति सैनिकों पर अचानक हमला करने की संभावना नहीं है. उनकी प्रवृत्ति धीरे-धीरे उकसावे की है. पुतिन ने पहले ही सोशल मीडिया पर पश्चिम के खिलाफ युद्ध छेड़ रहा है, जो हमारे लोकतंत्र को अस्थिर करने में काफी सफल रहा है.’ उन्होंने कहा कि यूरोप के पास रूस से सीधे टकराने के लिए दो साल का समय है. हमें अब अपरंपरागत युद्ध जैसे तोड़फोड़, आगजनी, साइबर अटैक, प्रचार और हत्याओं के लिए तैयार रहना होगा, जो एक पूर्ण युद्ध की स्थितियां बनाएगा. उन्होंने कहा कि पुतिन का लक्ष्य बुल्गारिया से लेकर पोलैंड तक पूर्वी ब्लॉक को एक नए रूसी साम्राज्य में जोड़ना है. युद्ध की जगह लोकतंत्र को खत्म करके यह करना ज्यादा आसान होगा.