वॉशिंगटन/ताइपे : पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ ऐलान से पूरी दुनिया में हलचल है. मार्केट डूब रहा है. मंदी की आशंका गहरा रही है. चीन के दुश्मन ताइवान को भी इस फैसले से तगड़ी चोट लगी है, इसके बावजूद ताइवान में इसे लेकर उत्साह और खुशी की लहर है. वजह है ट्रंप का एक बयान जिसने चीन को सीधे-सीधे चिढ़ा दिया है.
दरअसल, ट्रंप ने एक इंटरव्यू के दौरान ताइवान को ‘देश’ कहकर संबोधित किया, यह बयान चीन की ‘वन चाइना पॉलिसी’ के बिल्कुल खिलाफ है. चीन लगातार ताइवान को अपना हिस्सा बताता रहा है और किसी भी देश द्वारा ताइवान को स्वतंत्र राष्ट्र मानने पर कड़ा ऐतराज जताता है. ऐसे में ट्रंप का यह बयान चीन के लिए एक तीखा संदेश माना जा रहा है. इससे पहले बाइडन भी ताइवान को सुरक्षा का भरोसा दे चुके हैं. इसके बाद जिनपिंग ने अमेरिका युद्ध तक की धमकी दे डाली थी.
टैरिफ से ताइवान को कितना नुकसान
ट्रंप ने ताइवान पर 32 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया है. अमेरिका के साथ ताइवान का व्यापार 73.9 बिलियन डॉलर है. ताइवान अपना 60 फीसदी आईटी प्रोडक्ट और सेमीकंडक्टर चिप्स अमेरिका को एक्सपोर्ट करता है. इसलिए फैसले का सीधा असर ताइवान की टेक और मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों पर पड़ सकता है.
फिर भी खुशी क्यों?
टैरिफ की मार के बावजूद ताइवान इस पूरे घटनाक्रम को खुद के लिए फायदेमंद मान रहा है. ताइवान के राजनीतिक गलियारों और मीडिया में ट्रंप के बयान को एक ‘राजनीतिक समर्थन’ के रूप में लिया जा रहा है. यह संकेत है कि अमेरिका में भले ही सत्ता बदल गई हो, लेकिन ताइवान को चीन के खिलाफ खुला समर्थन जारी रहेगा.