तेहरान : डोनाल्ड ट्रंप की रूस और यूक्रेन के बीच की शांति की कोशिशें किस तरह मिसाइल और बारूद के धुएं में उड़ गईं, वो सबने देखा. अब अमेरिका की सिरदर्दी बढ़ाने वाली एक और खबर उसके कट्टर दुश्मन ईरान की ओर से भी आ रही है. ईरान के एटॉमिक चीफ ने घोषणा की है कि रूस दोनों देशों के बीच पहले से साइन किए गए अनुबंध के तहत ईरान में आठ न्यूक्लियर पावर प्लांट बनाएगा. ये कदम रूस और अमेरिका के बीच दूरी को और बढ़ाने वाला है.
ईरान में रूस बनाएगा 8 न्यूक्लियर प्लांट
मोहम्मद इस्लामी ने बताया कि कुल आठ न्यूक्लियर रिएक्टर में से चार बुशहर के दक्षिणी प्रांत में बनाए जाएंगे. मोहम्मद इस्लामी ने मौजूदा बुशहर न्यूक्लियर पावर प्लांट में यूनिट-2 और यूनिट-3 के चल रहे निर्माण पर सांसदों को जानकारी दी. इन यूनिट्स का निर्माण ईरानी कंपनियां कर रही हैं. पत्रकारों से बात करते हुए इस्लामी ने बताया कि एईओआई की योजना देश की व्यापक ऊर्जा विकास रणनीति के तहत ईरान की परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता को तीन गुना तक बढ़ाना है.
रूस ने बनाया था प्लांट
बुशहर प्लांट का निर्माण मई 2011 में रूस ने किया था, जो ईरान की पहली और एकमात्र चालू परमाणु ऊर्जा सुविधा है. ये देश के सिविलियन न्यूक्लियर एनर्जी प्रोग्राम का केंद्र रहा है. इसमें लंबे समय से रूस की सरकारी परमाणु एजेंसी रोसाटॉम का सहयोग भी है. अप्रैल में ईरान के पेट्रोलियम मंत्री मोहसेन पकनेजाद ने बताया था कि रूस, ईरान में एक नए न्यूक्लियर प्लांट के निर्माण के लिए उसे पैसे देगा. पकनेजाद ने कहा था कि दोनों देश मास्को की क्रेडिट लाइन का उपयोग करते हुए नई परमाणु ऊर्जा सुविधाओं के निर्माण के साथ बुशहर पावर प्लांट के दूसरे और तीसरे चरण का काम पूरा करेंगे.
इंटरनेशनल एटॉमिक एजेंसी (आईएईए) के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी ने परमाणु शक्ति संपन्न देशों पर चर्चा करते हुई ईरान को उनकी सबसे बड़ी चिंता बताया था. उन्होंने कहा था कि ईरान एक सफल परमाणु परीक्षण को पूरा करने से बहुत ज्यादा दूर नहीं है. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के मुताबिक ईरान ने अभी तक हथियार कार्यक्रम शुरू नहीं किया है, लेकिन अगर चाहे तो वो कभी भी परमाणु हथियार बनाने की स्थिति में है.