वायनाड में भूस्खलन से भारी तबाही, अब तक 256 लोगों की मौत, राहुल-प्रियंका करेंगे पीड़ितों से मुलाकात
वायनाड से भूस्खलन और बारिश से हुई तबाही की जो तस्वीरें सामने आई है पूरे देश को झकझोर कर दिया है.


नई दिल्ली : केरल के वायनाड में सोमवार को हुए भूस्खलन से भारी तबाही हुई है. भूस्खलन के बाद यहां चार गांव पूरी तरह साफ़ हो गए. इस प्राकृतिक आपदा के कारण अब तक 256 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि घायलों के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है. फिलहाल मलबे में अभी कई लोगों के दबे होने की संभावना जताई जा रही है.


आपदा का दंश झेल रहे अब तक 3 हजार लोगों को रेस्क्यू कर बचाया गया है. भारी बारिश के बीच कीचड़, चट्टानों और पेड़ों के बड़े-बड़े टुकड़ों की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. चूरलमाला को मुंडक्कई के बीच जो पुल ढह गया था उसे सेना के जवान फिर से बनाने में जुटे हैं जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी आ सके.

राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हुए वायनाड के लिए रवाना
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी नई दिल्ली से वायनाड के लिए रवाना हो गए हैं. वह अपने संसदीय क्षेत्र की स्थिति का जायजा लेने के लिए वहां पहुंच रहे हैं. उनके साथ प्रियंका गांधी भी जा रही हैं.दोनों भूस्खलन से प्रभावित परिवारों से मुलाकात करेंगे. पहले दोनों नेता बुधवार को वायनाड जाने वाले थे, लेकिन खराब मौसम के कारण उन्हें अपना यह कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा.

चार गांव पूरी तरह तबाह
वायनाड से भूस्खलन और बारिश से हुई तबाही की जो तस्वीरें सामने आई है पूरे देश को झकझोर कर दिया है. सोमवार-मंगलवार की रात वायनाड में जबरदस्त बारिश आफत बन गई. रात एक बजे से 5 बजे के बीच तीन बार लैंडस्लाइड हुई और इससे पहाड़ के नीचे चेलियार नदी के कैचमेंट में बसे चार खूबसूरत गांव चूरलमाला, अट्टामाला, नूलपुझा और मुंडक्कई में तबाही आ गई.

सीएम विजयन का बयान
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बुधवार को कहा कि एनडीआरएफ, सेना और अन्य एजेंसियों द्वारा समन्वित और व्यापक बचाव अभियान ने सुनिश्चित किया कि वायनाड जिले के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों से 1,500 से अधिक लोगों को बचाया गया है. विजयन ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "दो दिवसीय बचाव अभियान में 1,592 लोगों को बचाया गया। इतने कम समय में इतने लोगों को बचाने के लिए समन्वित और व्यापक अभियान की यह उपलब्धि है." उन्होंने कहा कि पहले चरण में आपदा के आसपास के इलाकों के 68 परिवारों के 206 लोगों को तीन शिविरों में शिफ्ट किया गया, इसमें 75 पुरुष, 88 महिलाएं और 43 बच्चे शामिल हैं.

उन्होंने बताया कि भूस्खलन के बाद चल रहे बचाव अभियान में फंसे हुए 1,386 लोगों को बचाया गया. उन्होंने कहा, 'इसमें 528 पुरुष, 559 महिलाएं और 299 बच्चे शामिल हैं, जिन्हें सात शिविरों में भेजा गया है. दो सौ एक लोगों को बचाकर अस्पताल ले जाया गया, जिनमें से 90 का अभी इलाज चल रहा है.' विजयन ने कहा कि वायनाड जिले में 82 राहत शिविरों में फिलहाल 8,017 लोग रह रहे हैं इनमें 19 गर्भवती महिलाएं शामिल हैं. मेप्पाडी में आठ शिविर हैं, जहां 421 परिवारों के 1,486 लोग रह रहे हैं.

केरल में 6 साल पहले आई बाढ़ में मारे गए थे 483 लोग
केरल में अगस्त 2018 में भी इसी तरह की प्राकृतिक आपदा में 483 लोगों की मौत हो गई थी. इस आपदा को राज्य की 'सदी की बाढ़' कहा गया था. त्रासदी में ना सिर्फ लोगों की जान गईं, बल्कि संपत्ति और आजीविका भी नष्ट हो गई थी. केंद्र सरकार ने 2018 की बाढ़ को 'डिजास्टर ऑफ सीरियस नेचर' घोषित किया था. इस हादसे के बाद 3.91 लाख परिवारों के 14.50 लाख से ज्यादा लोगों को राहत शिविरों में पुनर्वासित किया गया था. कुल 57,000 हेक्टेयर कृषि फसलें नष्ट हो गईं थीं.

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