अंधविश्वास में पड़े अखिलेश यादव, 11 साल बाद पहुंचे नोएडा, लेकिन जमीन पर नहीं रखे कदम, जाने क्यों यहां जाने से डरते हैं ?
सपा मुखिया अखिलेश यादव


नोएडा : उत्तर प्रदेश में चुनाव के मौसम के बीच सत्ता पर काबिज होने का सपना देख रहे सपा मुखिया अखिलेश यादव अंधविश्वास का दामन छोड़ने के लिए तैयार नहीं। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि अखिलेश आज भी नोएडा को अशुभ मानते हैं. बता दें कि अखिलेश यादव पिछले 11 सालों से नोएडा जरूर गए हैं लेकिन वहां की धरती पर कदम नहीं रखा है.

बता दें कि अभी हाल ही में अखिलेश यादव का काफिला चुनाव प्रचार के लिए रात 11 बजे ग्रेटर नोएडा के लुहाली (दादरी) टोल प्लाजा पहुंचा, लेकिन उन्होंने हर बार की तरह नोएडा की जमीन पर पैर नहीं रखा.

खिड़की से ही हिलाया हाथ
बताया जा रहा है कि टोल प्लाजा पर सपा कार्यकर्ता बारिश में भीगते हुए अपने नेता अखिलेश यादव का इंतेजार कर रहे थे. कार्यकर्ताओं ने जैसे ही अखिलेश यादव के रथ को देखा तो ढोल नगाड़ों के साथ उनका स्वागत किया. लेकिन अखिलेश अपनी गाड़ी से नीचे नहीं उतरे. सपा प्रमुख ने अपने रथ की खिड़की खोलकर वहां मौजूद कार्यकर्ताओं का हाथ हिलाकर अभिवादन किया और दिल्ली की तरफ रवाना हो गए.


इसलिए नोएडा से डरते हैं अखिलेश
कहा जाता है जो भी नेता नोएडा का दौरा करता है उसकी कुर्सी चली जाती है. दरअसल, ऐसा एक बार नहीं हुआ है. 1980 से लेकर अब तक पांच बार ऐसाहो चुका है जब नोएडा दौरा करने के बाद यूपी मुख्यमंत्रियों को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी है. अखिलेश भी इस अंधविश्वास को मानते हैं. इसलिए अपनी सरकार जाने के बाद भी उन्होंने नोएडा में कदम नहीं रखा.

नोएडा जाने के बाद इन मुख्यमंत्रियों ने गंवाई कुर्सी

1980 में एनडी तिवारी नोएडा पहुंचे थे और बाद में उनकी कुर्सी चली गई थी.
1988 में वीर बहादुर सिंह नोएडा दौरे पर गए थे, कुछ दिन बाद उनकी कुर्सी भी चली गई. 1995 में मुलायम सिंह ने नोएडा का दौरा किया था और कुछ समय बाद कुर्सी चली गई.
यही हाल मायावती का रहा. साल 1997 में मायावती नोएडा गई और उन्हें अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा.
1999 में कल्याण सिंह के साथ भी यही घटना घटी थी. 
2011 में एक बार फिर मायावती नोएडा पहुंची और 2012 में सत्ता से बाहर हो गईं.

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