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YouTube और Instagram  से हो जाएं सतर्क , वरना आपके भी साथ हो सकता हैं ये खेल
फाइल फोटो


हाल ही में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की ओर से यूट्यूब पर पंप और डंप रैकेट खुलासा करते हुए कारवाई की थी। सेबी ने गुरुवार को अभिनेता अरशद वारसी, उनकी पत्नी मारिया गोरेट्टी और साधना ब्रॉडकास्ट के प्रमोटरों को प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया। यह बैन यूट्यूब चैनलों पर भ्रामक वीडियो अपलोड करने के मामले में लगाया गया है।

इसके साथ ही सेबी ने बताया कि कैसे शेयरों में हेरफेर का पूरा सिस्टम चलता था। आज हम अपनी इस रिपोर्ट में जानेंगे कि इस तरह की स्कीम कैसे काम करती थी और आप कैसे इससे बच सकते हैं।

कैसे पंप और डंप स्कीम काम करती है-

सबसे पहले मैनिपुलेटर शेयर बाजार से जुड़ा चैनल यूट्यूब या इंस्टाग्राम चैनल शुरू करता है। फिर इस चैनल को प्रमोट करने के लिए बड़ी मात्रा में पैसा खर्च किया जाता है। हाल के मामलों में साधना ब्रॉडकास्ट लिमिटेड और शार्पलाइन ब्रॉडकास्ट लिमिटेड के शेयरों को पंप और डंप करने के लिए कुछ मैनिपुलेटर्स ने मनीवाइज, द एडवाइजर, मिडकैप कॉल्स और प्रॉफिट मेकर जैसे नामों वाले चैनलों को शुरू किया था। इसके लिए दोनों कंपनियों की ओर से 4.72 करोड़ रुपये की राशि प्रमोशन में खर्च की गई।

शार्पलाइन के मामले में दावा किया गया था कि अदाणी ग्रुप की ओर से इस कंपनी को खरीदा जा रहा है, जिसके बाद बड़ी संख्या में निवेशकों ने इस कंपनी के शेयरों को खरीदा और शेयर की कीमत ऊपर जाते ही मैनिपुलेटर्स की ओर से कंपनी के शेयरों को बेचा जाने लगा।

सेबी क्या कदम उठा रहा है-

सेबी की ओर से इस तरह के मामलों की जांच के लिए पूरी प्रक्रिया बनाई हुई है, जिसके तहत देखा जाता है कि अपराधी अपने परिवारों या फिर रिश्तेदारों के अकाउंट के जरिए किसी स्टॉक को पंप तो नहीं कर रहा। इसका पता केवाईसी डिटेल के जरिए लगाया जाता है। हाल के एक्सिस म्यूचुअल फंड फ्रंटरनिंग मामले में देखा गया कि शेयरों में धोखाधड़ी करने के लिए अनरिलेटिड अकाउंट्स का उपयोग किया गया। सेबी ने इस मामले में भी कड़ा कदम उठाया था।

आप कैसे इससे बच सकते हैं-

सबसे पहले आपको ध्यान रखना है कि यूट्यूब, इंस्टाग्राम या फिर और किसी सोशिल मीडिया ऐप से कोई भी शेयर से जुड़ी सलाह नहीं लेनी है। कई बार सोशल मीडिया पर बड़े-बड़े इंफ्लूएंसर प्रमोशन और उससे जुड़ी साझा नहीं करते हैं। किसी से भी शेयर से जुड़ी कोई जानकारी ले रहे हैं, तो एक बार जांच लें कि आपका इन्वेटमेंट एडवाइजर सेबी में पंजीकृत है या नहीं।

वहीं, अगर किसी इनफ्लूएंसर की ओर से ये दावा किया जा रहा है कि किसी शेयर आपको गारंटीड रिटर्न मिलेगा या फिर ऐसी रणनीति बताई जा रही है, जिसमें आपको नुकसान न होने का दावा किया जा रहा है, तो ऐसे लोगों से आपको सावधान रहना चाहिए।


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