न्यायपालिका की स्वतंत्रता सीमित करना चाहते हैं नेतन्याहू
फाइल फोटो


इजरायली सेना में तीन दशक से अधिक समय तक रिजर्विस्ट के रूप में सेवाएं दे चुके श्रगा टिचोवर अपनी थकान मिटा रहे हैं। पैराट्रूपर का कहना है कि वह अब एक ऐसे देश के लिए अपनी जान की बाजी नहीं लगाएगा, जो निरंकुशता की ओर बढ़ रहा है।

न्यायपालिका की स्वतंत्रता को सीमित करना चाहते हैं नेतन्याहू

न्यायपालिका में आमूल-चूल परिवर्तन करने की विवादास्पद सरकारी योजना के लिए इजरायली सेना के रैंकों के भीतर अभूतपूर्व विरोध की लहर चल रही है। एक एलीट यूनिट के पूर्व सैनिक नेतन्याहू और उनकी सरकार सर्वोच्च न्यायालय को कमजोर करने और न्यायपालिका की स्वतंत्रता को सीमित करने की योजना पर आगे बढ़ रही है।

आलोचकों ने लगाया हितों के टकराव का आरोप

नेतन्याहू के सहयोगियों का कहना है कि परिवर्तन शासन को सुव्यवस्थित करने के लिए हैं। वहीं, आलोचकों का कहना है कि योजना इजरायल की जांच और संतुलन की व्यवस्था को खत्म कर देगी और देश को अधिनायकवाद की ओर ले जाएगी। वे यह भी कहते हैं कि नेतन्याहू पर भ्रष्टाचार के मुकदमे चल रहे हैं। वह व्यक्तिगत द्वेष से प्रेरित हैं और यहां हितों का टकराव है।


रिजर्विस्ट कर रहे हैं ड्यूटी करने से इनकार

रिजर्विस्ट टिचोवर भी इस विरोध में शामिल हैं। उनकी तरह ही कुछ अन्य रिजर्विस्ट ड्यूटी करने से इनकार कर रहे हैं और पूर्व कमांडर परिवर्तन की स्वाभाविक प्रतिक्रिया के रूप में अपने कार्यों का बचाव कर रहे हैं। 53 साल के वॉलेंटियर रिजर्विस्ट टिचोवर ने कहा, 'इस देश के मूल्य बदलने जा रहे हैं। मैं एक ऐसे राज्य की सेना की सेवा करने में सक्षम नहीं हूं जो लोकतात्रिंक नहीं है।' वह दक्षिणी लेबनान, गाजा पट्टी और वेस्ट बैंक में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

विरोध के नौजवानों तक पहुंचने का अंदेशा

आमतौर पर सैन्य आदेशों की अवहेलना करना वर्जित होता है। मगर, इसके बाद भी ऐसी बातों का होना यह बताता है कि सरकार की नई योजना ने अब इजरायल के यहूदियों उनकी सबसे सम्मानित संस्था सेना को कितनी गहराई से विभाजित किया है। इस बात को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं कि यह विरोध नौजवानों तक पहुंच सकता है।

रिजर्विस्ट के विरोध से प्रभावित होगी सेना की क्षमता

तीन दर्जन रिजर्विस्ट लड़ाकू पायलटों ने कहा कि वे विरोध जताते हुए इस सप्ताह प्रशिक्षण के लिए नहीं जाएंगे। एयरमेन को सैन्यकर्मियों का सर्वोच्च और इजराइल की कई युद्ध योजनाओं के अपूरणीय तत्व के रूप में देखा जाता है।

सेना के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल हर्जल हलेवी ने कथित तौर पर इस सप्ताह प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को चेतावनी दी थी कि रिजर्विस्ट के विरोध से सेना की क्षमताओं को नुकसान पहुंचने का जोखिम है। इजराइल के यहूदी बहुमत में अधिकांश को सेना में सेवा करनी चाहिए क्योंकि सेना एकता का स्रोत है।

विरोध करने वाले सैनिकों को इस वजह से नहीं दे सकेंगे सजा

नागरिक जीवन और कार्यबल में सैन्य सेवा एक महत्वपूर्ण लॉन्चिंग पैड है। तीन साल की अनिवार्य सेवा पूरी करने के बाद कई पुरुष 40 साल की उम्र तक रिजर्व में बने रहते हैं। इसके बाद उनकी सेवा स्वैच्छिक हो जाती है। अपनी सेवा बंद करने की धमकी देने वालों में अधिकांश सैनिक स्वयंसेवक हैं, जो उन्हें संभावित सजा से बचाते हैं।


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