प्रयागराज : महाकुंभ से पहले संतों के बीच बवाल, चले लात-घूंसे, आखिर क्यों बिगड़ा माहौल ?
अखाड़े के दोनों गुटों के बीच जमकर हाथापाई हुई


प्रयागराज : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ मेले से पहले ही संतों के बीच घमासान हो गया. महंतों ने एक-दूसरे पर जमकर थप्पड़, लात-घूंसे चलाए. यह हंगामा महाकुंभ को लेकर हो रही अखाड़ों की बैठक में हुआ. मेला प्रशासन की अखाड़ों को साथ-साथ बुलाई गई बैठक में विवाद हुआ है. अखाड़े के दोनों गुटों के बीच जमकर हाथापाई हुई.

मेला प्राधिकरण ने अखाड़ों को आवंटित की जाने वाली भूमि दिखाने के लिए बैठक बुलाई थी. अखाड़ों के संत महात्मा प्रयागराज मेला प्राधिकरण के आई ट्रिपल सी सभागार में जुटे थे. इस दौरान अखाड़ों के महंतों के बीच कहा सुनी हुई और देखते ही देखते उनके बीच मारपीट होने लगी. साधु संत एक दूसरे के पर लात घूंसों और मुक्के बरसाने करने लगे. इस मारपीट से मेला प्राधिकरण सभागार में अफरा तफरी मच गई.

महाकुंभ मेला अधिकारी और एसएसपी महाकुंभ मेला की मौजूदगी में हाथापाई की घटना हुई. जिसके बाद पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने बीच बचाव कर माहौल शांत कराया. हालांकि बवाल के चलते बैठक भी नहीं हो पाई. अखाड़ा परिषद के एक गुट के अध्यक्ष निरंजनी अखाड़े के महंत रविंद्र पुरी और महामंत्री हरि गिरी हैं, जबकि दूसरी गुट के अध्यक्ष महानिर्वाणी अखाड़े के महंत रविंद्र पुरी और महामंत्री राजेंद्र दास हैं. सितंबर 2021 में अखाड़ा परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी के निधन के बाद से अखाड़ा परिषद दो गुटों में बंटा हुआ है.

महाकुंभ 2025 का आयोजन किया जाने वाला है. यूपी सरकार इस आयोजन को दिव्य और भव्य बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. महाकुंभ मेले में लगभग 40 करोड़ लोगों के प्रयागराज आने का अनुमान है, जो कि पिछले कुंभ मेले की तुलना में ढेड़ से दो गुना है. महाकुंभ में प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं का मुख्य गंतव्य स्थल त्रिवेणी संगम है. त्रिवेणी संगम को शहर से जोड़ने वाली सभी सड़कों का निर्माण तेजी से किया जा रहा है.

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