सोने पर मिलेगा ज्यादा लोन, Gold फाइनेंस करने वाले शेयरों में उछाल
सांकेतिक तस्वीर


नई दिल्ली : आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा द्वारा आज ₹2.5 लाख तक के गोल्ड लोन के लिए लोन-टू-वैल्यू (LTV) रेश्यो को 75% से बढ़ाकर 85% कर देने के फैसले के बाद गोल्ड फाइनेंस कंपनियों के शेयरों में जोरदार तेजी देखने को मिली. इस फैसले से एनबीएफसी (NBFC) को कर्ज देने में और अधिक लचीलापन मिलेगा. यह बदलाव आरबीआई के पहले के ड्राफ्ट नियमों के मुकाबले बड़ा राहत भरा है. पहले LTV सीमा को सभी बैंकों और एनबीएफसी के लिए 75% पर सीमित रखने का प्रस्ताव था. अब नए दिशा-निर्देशों के तहत एनबीएफसी अपने ग्राहकों को एक ही सोने के गहनों के बदले ज्यादा कर्ज दे सकेंगी. इससे लोन डिलिवरी में तेजी आएगी, नए ग्राहक जुड़ेंगे और गोल्ड फाइनेंसरों की आय में इजाफा होगा.


RBI के इस ऐलान के बाद मुथूट फाइनेंस, मणप्पुरम फाइनेंस और आईआईएफएल फाइनेंस के शेयरों में 2% से 7% तक की उछाल दर्ज की गई. मुथुट फाइनेंस का शेयर आज इंट्राडे में 7 फीसदी उछलकर 2470 रुपये पर चला गया. कल यह 2294.60 पर बंद हुआ था. मणप्‍पुरम फाइनेंस का शेयर आज 5 फीसदी चढ गया और यह 246.48 रुपये पर पहुंच गया. आईआईएफएल फाइनेंस के शेयरों में भी आज 4.50 फीसदी की तेजी देखी गई और हय इंट्राडे में 452.45 रुपये तक पहुंच गया.

आरबीआई गवर्नर संजय मल्‍होत्रा ने यह भी बताया कि छोटी राशि के गोल्ड लोन के लिए अब क्रेडिट अप्रेजल की जरूरत नहीं होगी. एंड-यूज मॉनिटरिंग केवल उन्हीं लोन पर लागू होगी जो प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (PSL) के तहत आते हैं. इससे दस्तावेजी औपचारिकताओं में कमी आएगी, प्रोसेसिंग तेजी से होगी और लेंडर्स पर कानूनी बोझ भी घटेगा.

गवर्नर मल्होत्रा ने कहा, “गोल्ड लोन पर ड्राफ्ट नियमों में कोई नया प्रावधान नहीं था. हमने बाकी सभी नियमों को एक जगह समाहित किया है. कई संस्थाएं स्पष्टता के अभाव में नियमों का पालन नहीं कर रही थीं. अब हमने इन्हें स्पष्ट कर दिया है. अंतिम गाइडलाइंस आज या सोमवार सुबह तक जारी कर दी जाएंगी.”

सस्ती होगी उधारी, बढ़ेगी लिक्विडिटी
MPC बैठक में आरबीआई ने रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर इसे 5.50% कर दिया. यह इस साल की लगातार तीसरी कटौती है. इसके साथ ही कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) में भी 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई है. इन कदमों से बैंकिंग सिस्टम में तरलता बढ़ेगी, बैंक जमा दरों में कटौती कर सकेंगे और कर्ज वितरण को बढ़ावा मिलेगा.


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