पापांकुशा एकादशी 03 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही विधिपूर्वक व्रत भी किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, पापांकुशा एकादशी व्रत करने से साधक के जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और सभी दुखों से छुटकारा मिलता है।
इस दिन भगवान शिव की पूजा करना भी शुभ माना गया है। एकादशी के दिन महादेव की पूजा करने से जीवन खुशहाल रहता है और बिगड़े काम पूरे होते हैं। अगर आप भी शिव जी को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो पापांकुशा एकादशी के दिन शिवलिंग पर विशेष चीजें अर्पित करें। इससे शुभ फल की प्राप्ति होगी।
पापांकुशा एकादशी 2025 डेट और शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार पापांकुशा एकादशी 03 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत- 02 अक्टूबर को शाम 07 बजकर 10 मिनट पर
आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का समापन- 03 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 32 मिनट पर
व्रत का पारण 04 अक्टूबर को किया जाएगा।
आर्थिक तंगी होगी दूर
अगर आप आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं, तो पापांकुशा एकादशी के दिन शिवलिंग पर कच्चे चावल अर्पित करें। महादेव से जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, शिवलिंग पर कच्चे चावल अर्पित करने से महादेव प्रसन्न होते हैं और आर्थिक तंगी की समस्या दूर होती है।
मिलेगा मनचाहा वर
इसके अलावा शिवलिंग पर घी अर्पित करना शुभ माना जाता है। एकादशी के दिन महादेव का घी से अभिषेक करने से मनचाहे वर की प्राप्ति होती है और जीवन में सफलता मिलती है।
जीवन में मिलेंगे सभी सुख
जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति के लिए पापांकुशा एकादशी के अवसर पर शिवलिंग पर गन्ने के रस से अभिषेक करें। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से साधक को जीवन में सभी सुख मिलते हैं और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
1. शिव जी का मूल मंत्र -
ॐ नमः शिवाय॥
2. महामृत्युंजय मंत्र -
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
3. रूद्र मंत्र -
ॐ नमो भगवते रूद्राय।
4. रूद्र गायत्री मंत्र -
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥




