नई दिल्ली : ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का सोमवार को निधन हो गया. वह 88 साल के थे और पिछले कुछ समय से लगातार बीमार चल रहे हैं. वैटिकन सिटी ने उनके निधन की पुष्टी की है.
पोप फ्रांसिस पिछले कुछ समय से निमोनिया से पीड़ित थे. उन्हें फरवरी 2025 में रोम के जेमेली अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वेटिकन ने सोशल मीडिया पर आधिकारिक बयान जारी कर कहा, ‘पोप फ्रांसिस का निधन ईस्टर मंडे, 21 अप्रैल, 2025 को वेटिकन के कासा सैंटा मार्ता में उनके निवास पर हुआ.’
पोप फ्रांसिस को 14 फरवरी, 2025 को ब्रोंकाइटिस के बाद जेमेली अस्पताल में भर्ती किया गया था, जो बाद में डबल न्यूमोनिया में बदल गया. उनकी स्थिति को जटिल बताते हुए वेटिकन ने कहा था कि 88 वर्षीय पोप को सांस लेने में तकलीफ और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था.
कम उम्र में ही उनके फेफड़े का एक हिस्सा हटाया गया था. मार्च 2025 में उनकी स्थिति में सुधार हुआ था, और 23 मार्च को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. हालांकि अब उनके निधन की यह खबर दुनियाभर के ईसाइयों के लिए बड़े झटके की तरह है.