पेरिस : भारत के लिहाज से पेरिस ओलंपिक का 5वां दिन काफी अच्छा रहा. मुक्केबाजी से रात भी शानदार खबर आई. टोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन (75 किलो) और प्रतिभाशाली निशांत देव (पुरुष 71 किलो) ने बुधवार को ओलंपिक खेलों की बॉक्सिंग इवेंट में अपने मुकाबले जीतकर क्वार्टर फाइनल में जगह पक्की की. लवलीना ने नॉर्वे की सुन्निवा होफ्स्टाड को 5-0 से हराया जबकि निशांत ने इक्वाडोर के जोस गैब्रिएल रोड्रिगेज टेनोरियो को 3-2 से शिकस्त दी.
लवलीना ने टोक्यो में 69 किलो वर्ग में कांस्य पदक जीता था. वह लगातार दूसरे ओलंपिक में पदक जीतने और भारतीय मुक्केबाजी में अभूतपूर्व उपलब्धि अपने नाम करने से महज एक जीत दूर हैं. हालांकि यह इतना आसान नहीं होगा क्योंकि अब उनका सामना चार अगस्त को टॉप सीड चीन की लि कियान से होगा. इस मुकाबले में जीत से लवलीना का कम से कम कांस्य पदक सुनिश्चित हो जाएगा.
कियान ने टोक्यो ओलंपिक में 75 किलो वर्ग में रजत पदक जीता था और रियो ओलंपिक 2016 में भी कांस्य पदक अपने नाम किया था। वह हांग्झोउ एशियाड 2022 की स्वर्ण पदक विजेता हैं. लवलीना ने अपने पहले दौर के मुकाबले में प्रतिद्वंद्वी मुक्केबाज से दूरी बनाकर जवाबी हमला किया जबकि नार्वे की खिलाड़ी उन्हें पकड़कर समय बर्बाद करने की कोशिश में दिख रही थी. पर भारतीय मुक्केबाज ने संयम बनाये रखा और सटीक मुक्के जड़कर अंक जुटाए.
लवलीना को मुश्किल ड्रॉ मिला है। लेकिन इस चुस्त मुक्केबाज ने हमेशा की तरह चुनौतीपूर्ण मुकाबलों में बेहतर प्रदर्शन की क्षमता जारी रखी जैसी उन्होंने तोक्यो ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में विश्व चैंपियन चेन निएन चिन को हराकर कांस्य पदक हासिल करके दिखाई थी.
निशांत को पहले दौर में बाई मिली थी. वह भी अपने पहले ओलंपिक पदक से महज एक कदम की दूरी पर हैं. क्वार्टरफाइनल में उनका सामना मैक्सिको के पैन अमेरिका खेलों के चैम्पियन मर्को वर्डे से होगा. निशांत ने शुरू में ही दबदबा बनाया और पहले राउंड में चार जजों से 10 अंक हासिल किए. दूसरे राउंड में भी यह सिलसिला जारी रहा. प्रतिद्वंद्वी मुक्केबाज ने तीसरे राउंड में वापसी की जिसमें निशांत को महज एक जज से 10 अंक मिला और उन्होंने विभाजित फैसले से क्वार्टरफाइनल में प्रवेश किया.