यूपी में जातीय जनगणना के मुद्दे पर सपा-आरएलडी ने व‍िधानसभा में किया हंगामा
फ़ाइल फोटो


जातीय जनगणना के मुद्दे पर गुरुवार को विधान सभा में प्रश्नकाल के दौरान सपा और रालोद सदस्यों ने हंगामा और नारेबाजी की। उत्तेजित सपा सदस्य विरोधस्वरूप विधान सभा अध्यक्ष के आसन के सामने आकर बैठ गए जिससे प्रश्नकाल के दौरान सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। अठारहवीं विधान सभा में यह पहली बार हुआ जब विधान सभा की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा हो।


लोक सभा चुनाव से पहले प्रदेश में बिहार की तर्ज पर जातीय जनगणना-

प्रश्नकाल के दौरान सपा के संग्राम यादव ने सरकार से सवाल किया कि क्या वह लोक सभा चुनाव से पहले प्रदेश में बिहार की तर्ज पर जातीय जनगणना कराएगी? जवाब में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि जनगणना केंद्र सरकार कराती है। उन्होंने कहा कि उप्र बिहार से बहुत आगे निकल चुका है। हम उप्र को पीछे धकेल कर बिहार की तरफ नहीं ले जाना चाहते हैं। बिहार में भ्रष्टाचार है, वहां चारा खाया गया है। भाजपा सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के सिद्धांत पर चलते हुए उप्र को उत्तम प्रदेश बनाना चाहती है।

व‍िधानसभा अध्‍यक्ष ने सपा सदस्यों को सदन में व्यवधान न पैदा करने के लिए कहा-

इस पर सपा के लालजी वर्मा और अवधेश प्रसाद ने सरकार से अनुपूरक प्रश्न करना चाहा। विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना ने जब उन्हें अनुपूरक प्रश्न पूछने से मना किया तो शिवपाल सिंह यादव के साथ सपा और रालोद के सभी सदस्य अध्यक्ष के आसन के सामने आकर सरकार के खिलाफ पिछड़ा वर्ग और दलित विरोधी होने के नारे लगाने लगे। महाना ने सपा सदस्यों को सदन में व्यवधान न पैदा करने के लिए कहा। उन्होंने शिवपाल सिंह से यह भी कहा कि सब आपके खाते में जाएगा।

सपा-रालोद सदस्य विधान सभा अध्यक्ष के आसन के सामने जमीन पर बैठे-

जब सपा और रालोद सदस्य नहीं माने तो महाना ने कहा कि सदन में राजनीतिक एजेंडा नहीं चलेगा। वह सपा-रालोद सदस्यों को दूसरों के अधिकार पर अतिक्रमण नहीं करने देंगे। सदन नियम और परंपराओं से चलेगा। सपा-रालोद सदस्य उनकी अनसुनी करते हुए विधान सभा अध्यक्ष के आसन के सामने जमीन पर बैठ गए। इस पर लगभग 11.45 बजे विधान सभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। बाद में सदन के स्थगन की अवधि को दोपहर 12.20 बजे तक बढ़ा दिया गया।

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