लखनऊ : यूपी की राजधानी लखनऊ में बुधवार 10 जुलाई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन में लेखपालों को नियुक्ति पत्र वितरण किए । सीएम योगी ने कुल 7720 लेखपालों को नियुक्ति पत्र वितरित किया गया। नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री के अलावा वित्त मंत्री सुरेश खन्ना सहित कई मंत्री मौजूद रहे।
इस दौरान सीएम योगी ने वहां मौजूद लोगों को सम्बोधित करते हुए बताया कि नियुक्ति की ये प्रक्रिया मांग को देखते हुए की गई है। इस बीच उन्होंने लेखपालों के अहमियत को भी दर्शाया। उन्होंने कहा कि, “राजस्व विभाग एक महत्वपूर्ण विभाग है। ऐसे में जनता के बीच लेखपालों की भूमिका भी बेहद अहम है। वहीं लेखपालों के बढ़ते मांगों को देखते हुए इस नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा किया गया है।
अपने संबोधन में उन्होंने विपक्ष पर भी निशाना साधा है। CM Yogi ने कहा कि, “कुछ लोगों की फितरत में गुमराह करना और रोड़ा अटकाना होता है। मगर अधीनस्थ चयन आयोग इसके लिए लड़ा और आज ये नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है। अभी आगे 4700 और भर्ती होनी है। बहुत शीघ्र हम लोग इसे भी पूरा करने वाले हैं। उन्होंने आगे कहा कि ये नियुक्तियां युवाओं की योग्यता और क्षमता के अनुरूप दिया गया है।
संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार की तरफ से किए गए कार्यों को भी गिनाया। उन्होंने कहा कि, “युवाओं का विश्वास हमारी सबसे बड़ी पूंजी है। ऐसे में युवाओं के हितों के लिए सरकार पूरी ताकत लगा रही है। प्रदेश में 62 लाख से अधिक युवाओं को स्वरोजगार के साथ जोड़ने का काम किया गया है। हम लोगों ने प्रदेश में शिक्षकों और अन्य विभागों में भर्ती की है। हमने कुल 6 लाख युवाओं को सबसे अधिक नौकरियां प्रदान की है।
समाजवादी पार्टी पर साधा निशाना
इस दौरान सीएम योगी ने भर्तीयों को लेकर समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा और कहा “2017 से पहले लूट होती थी चाचा – भतीजे लूट करने निकल पड़ते थे। एक ही परिवार के लोगों को जिला आवंटित कर दिया जाता था। मगर अब किसी को इस बात की चिंता नहीं है। क्यूंकि हमारी सरकार में ये पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से हो रही है।
मुख्यमंत्री योगी ने आगे कहा कि, “प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना सब यहां जमीन पर है। आज उत्तर प्रदेश देश की दूसरा अर्थ व्यवस्था बन चुका है। वहीं, पहले उत्तर प्रदेश के युवा कहीं जाता था तो उसको किनारे कर दिया जाता था। एक समय था जब आजमगढ़ से युवा आता था तो उसको धर्मशाला और होटल तक नहीं मिलते थे। मगर अब नौकरियां मिल रही हैं। इससे पहले लोगों को नियुक्तियां नहीं मिल पाती थी क्योंकि भाई भतीजे बाद और भेदभाव होता था। नियुक्तियों के लिए पैसे वसूले जाते थे। मगर अब युवाओं से कुछ लिया नहीं जाता बल्कि उनको सरकार के तरफ से निस्वार्थ भाव से नौकरियां दी जाता है। बता दें, इन लेखपालों का चयन उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से हुआ है।