बलिया : योगी सरकार ने बलिया में पुलिस और विचौलियों की मिलीभगत से चल रहे अवैध वसूली के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. मामले में एसपी बलिया देवरंजन वर्मा और एडिशनल एसपी दुर्गा प्रसाद तिवारी को हटा दिया है और उन्हें वेटिंग में डाल दिया है. फिलहाल आईपीएस विक्रांत वीर को बलिया का नया एसपी बनाया गया है दूसरी तरफ सीओ सदर शुभ सूचित को सस्पेंड किया गया है. इतना ही नहीं सरकार ने सीओ, एसएचओ और चौकी इंचार्ज की संपत्ति की विजिलेंस से खुली जांच के आदेश दिए है.
अवैध वसूली में संलिप्त पुलिसकर्मियों के खिलाफ बलिया में बड़ी कार्रवाई हुई है. एडीजी वाराणसी और डीआईजी आजमगढ़ की संयुक्त टीमों ने छापामार कर बलिया के थाना नरही अंतर्गत भरौली तिराहा पर अवैध वसूली के संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है. मामले में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता भी उजागर हुई है. तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित थानाध्यक्ष नरही एवं चौकी प्रभारी कोरंटाडीह सहित 3 उपनिरीक्षक, 3 मुख्य आरक्षी, 10 आरक्षी एवं 01 आरक्षी चालक को निलम्बित किया गया है. छापेमारी के दौरान 3 पुलिसकर्मी भाग गए, जबकि 2 पुलिसकर्मी सहित 16 दलालों को गिरफ्तार किया गया है. निलंबित पुलिसकर्मियों के आवास को सील करते हुए सभी के विरुद्ध मुकदमा भी पंजीकृत किया गया है.
दलालों के माध्यम से हो रही थी वसूली
फिलहाल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भरस्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है. बुधवार को विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यूपी-बिहार सीमा पर बक्सर, बिहार से बलिया में आने वाली ट्रकों से थाना नरही के भरौली तिराहा पर पुलिस कर्मियों द्वारा कुछ दलालों के माध्यम से अवैध वसूली करायी जा रही है. इस सूचना पर पुलिस महानिदेशक द्वारा अपर पुलिस महानिदेशक, वाराणसी जोन, वाराणसी एवं पुलिस उपमहानिरीक्षक, आजमगढ़ परिक्षेत्र, आजमगढ़ को कार्यवाही के निर्देश दिए गए थे. उच्चस्तरीय निर्देश पर अपर पुलिस महानिदेशक, वाराणसी जोन, वाराणसी एवं पुलिस उपमहानिरीक्षक, आजमगढ़ परिक्षेत्र, आजमगढ़ की संयुक्त टीमें बुधवार रात करीब 01.30 पर वाराणसी एवं आजमगढ़ से कुल 5 टीमें भरौली तिराहे पर पहुंची, जहां ट्रकों से पुलिस कर्मियों द्वारा की जा रही वसूली की सूचना सही पाई गई. मौके से एक आरक्षी हरदयाल सिंह गिरफ्तार हुआ और एक मुख्य आरक्षी विष्णु यादव, 2 आरक्षी दीपक मिश्रा एवं बलराम सिंह कुल तीन पुलिस कर्मी भाग गए. पुलिस कर्मियों द्वारा प्राइवेट व्यक्तियों को दलाल के रूप में प्रयुक्त कर वसूली की जा रही थी. 16 दलाल भी पकड़े गए.