लखनऊ। अयोध्या विधानसभा सीट से सपा के पूर्व विधायक वा पार्टी के कद्दावर नेता पवन पांडेय ने आज भाजपा के नेताओ वा सत्ता में शीर्ष से लेकर निचले स्तर तक अधिकारियों द्वारा जमीनों की लूट का गंभीर आरोप लगाया है। पवन पांडेय ने उक्त आरोप सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वा पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश अखिलेश यादव की मौजूदगी में पार्टी के प्रांतीय कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में लगाया।
सपा के पूर्व विधायक पवन पांडेय ने अयोध्या के बेस कीमती जमीनों की लूट का सिलसिलेवार खुलासा करते हुए बताया कि अयोध्या पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद से ही अयोध्या में लगातार जमीनों की कालाबाजारी भाजपा और भाजपा शासित अधिकारियों के संरक्षण में हो रही है।
सबसे पहला मामला अयोध्या में सेना की फायरिंग रेंज जमीन का है। एकबाह थाना अयोध्या में 13000 अकड़ से ज्यादा की जमीन सेना के युद्ध अभ्यास के लिए आरक्षित थी आज उस जमीन पर प्लाटिंग हो रही है। ये प्लाटिंग भाजपा के नेताओ द्वारा की जा रही हैं। देश के बड़े बड़े उद्योगपतियों ने सत्ता के संरक्षण में वहां जमीन ले ली है। पवन पांडेय ने सवाल किया कि अयोध्या में ऐसी कौन सी आपात स्थिति आ गई थी कि सेना की युद्ध अभ्यास जमीन को भाजपा नेताओं ने सता के सरंक्षण में देश के उद्योगपतियों को बेच दी।
पांडेय ने कहा कि भाजपा के अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने भारी मात्रा में वहां की जमीनें कौड़ियों के भाव में किसानों से खरीद डाली। इसी तरह पूरा ब्लाक की ब्लाक प्रमुख है उषा सिंह उनके बेटे शिवेंद्र सिंह, सीपी शुक्ला पूर्व विधायक वा देश के कुछ बड़े उद्योगपतियों ने वहां की सारी जमीन खरीद डाली। अब सरकार उस जमीन को फ्री करने जा रही है।
पवन पांडेय ने कहा कि सेना के युद्ध अभ्यास के लिए 14 ग्राम सभा की जमीनें आती है। एक ग्राम सभा की जमीन जिसे उद्योगपतियों ने लिया आज उस ग्रामसभा को युद्ध अभ्यास क्षेत्र से बाहर कर दिया गया। सरकार ने आज तक ये नही बताया कि किन कारणों से इस जमीन को युद्ध अभ्यास क्षेत्र से बाहर किया गया हैं।
पूर्व सपा विधायक ने कहा कि पहले आदेश था कि इन जमीनों पर मकान नहीं बन सकते पर आज वहां धडल्ले से प्लाटिंग की जा रही है। पवन ने कहा कि मै इस बात का खुला आरोप लगा रहा हूं कि भाजपा सरकार के संरक्षण में अधिकारी वा नेता सेना की जमीन पर प्रापर्टी डिलिंग का काम कर रहे है ये हाल है अयोध्या में सेना की जमीन का। पवन ने कहा कि जो युद्ध अभ्यास के लिए जो 13 ग्राम सभा की जमीनें बची है उन्हे युद्ध अभ्यास क्षेत्र से बाहर करने की तैयारी है जिससे की भाजपा के नेता वा अधिकारी वहां भी प्रापर्टी डिलिंग कर सकें और जमीनें बेच सकें।
सपा के पूर्व विधायक ने कहा कि किसानों से ये जमीन कौड़ियों के भाव में ली गई है। उन्होंने कहा कि सेना के युद्ध अभ्यास के लिए इस जमीन का नेचर ये था कि किसान यहां सिर्फ खेती कर सकता था और जब भी सेना को युद्ध अभ्यास करना होता था तो किसान जमीन खाली कर देते थे अब इस जमीन का नेचर भी बदल दिया गया है। आज वहां किसान से बेहद सस्ती जमीन खरीद कर महंगी कीमत में बेची जा रही हैं।
दूसरे मामले का खुलासा करते हुए पूर्व सपा विधायक ने बताया कि लोकसभा चुनाव हारने से पहले एक नई रेलवे लाइन का प्रस्ताव था। इस प्रस्ताव में रेलवे लाइन जहां से पास हुई थी वहां सिर्फ जमीनें आ रही थीं किसी का मकान उस क्षेत्र में नहीं पड रहा था अब जब लोकसभा चुनाव भाजपा हार गई तो अब रेलवे लाइन का नया प्रस्ताव आया है। इस नये प्रस्ताव में कम से कम २०० मकान और गेस्ट हाउस और दुकानें आ रही है जिससे लोग प्रभावित हो रहे है। उन्होने कहा कि ये सब इसलिए हो रहा है कि अयोध्या में एक महंत योगी है इनका एक ट्रस्ट है इन्होंने ढेर सारी जमीनें कूट रचित तरीके से ली है इन्होंने कई जमीनें दलित वर्ग के लोगों की ली है जिसमे अधिकारियों ने इनके खिलाफ लिखा पढ़ी की इनके उपर मुक़दमा दर्ज करने का आदेश हुआ लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं हुआ, न कोई कार्यवाही हुई बल्कि उसके बदले में इस उत्तर प्रदेश सरकार के कई आईएएस और आईपीएस अधिकारियों ने उनसे जमीन ले ली। इन अधिकारियों के प्रमुख सचिव से लेकर लेखपाल तक शामिल है। इन सभी ने महेश जोगी नाम के इस महंत से जमीन ली और जमीन क्यों बेची गई क्योंकि रेलवे लाइन जो है उसे हमारी जमीन से हटाकर करके जो आबादी है उस तरफ से चली जाय और महंत और अधिकारियों की जमीन बच जाए।
पवन पांडेय ने कहा कि जिन अधिकारियों ने जमीन ली है उनकी पूरी लिस्ट रजिस्ट्री सहित राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी दे दी गई है। इस लिस्ट में प्रदेश के आला अधिकारियों की रजिस्ट्री का पूरा काला चिट्ठा है। पूर्व विधायक ने अधिकारियों की रजिस्ट्री का पूरा काला चिट्ठा मीडिया के सामने रखा और कहा कि ये रजिस्ट्री पत्नी, सालों, बहन आदि के नाम ली गई है।