लखनऊ। भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचाररियों के बुलंद हौसलों का अड्डा बन गया है लोक निर्माण विभाग का मुख्यालय जिसमें अधिकारियों को एक चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी एक भ्रष्ट मुख्य अभियंता की शह पर बडे बडे कारनामें खुले आम डंके की चोट पर कर रहा है।
झूठी कहानी को सच करने में भारत सिंह यादव के अलावा एक मुख्य अभियंता भी जोर-शोर से लगे हुए हैं यह वही मुख्य अभियंता रामनाथ सिंह है जिन्होंने पंजीकरण और रिनीवल करके खूब मोटा पैसा कमाया है मतलब यहां तक की रविवार तक को इन्होंने पंजीकरण और रिनीवल नहीं छोड़ा तक़रीबन रविवार के दिन भी इन्होने लगभग 50 से ज्यादा पंजीकरण कर डाले.
दूसरा समायोजन को लेकर प्रमुख सचिव का आदेश था कि किसी भी अधिकारी या बाबू का समायोजन नहीं होगा उसकी इतर मुख्यभियंता रामनाथ सिंह ने छाया सिंह को जो इनको बहुत ही नजदीकी मानी जाती हैं को अपने यहां अटैच कर लिया।
तीसरा एक प्रकरण और है जहां पर इन्होंने एक बाबू को जिसने अपने ही प्रमुख अभियंता को इल्जाम लगाकर कटघरे में खड़ा किया था लेकिन उसके खिलाफ एक जाँच समिति बनाई गई और जांच समिति में उसको दोषी भी पाया गया और उसके बाद जब फाइल मुख्यालय 2 राम नाथ सिंह के पास जाती है तो उसको यह दबाये रखते हैं। बड़ी दिलचस्प बात यह की आखिर किसकी सरपरस्ती में
बाबू प्रमुख अभियंता विकास को वादी बनाकर मुख्यमंत्री को प्रतिलिपि करता है।इसी प्रकार वंशीलााल, वर्क सुपर-वाईजर की नियुक्ति में भी दूध का दूध पानी का पानी अलग हो चुका है।
जिसको शासन से दंड के निर्देश पर भी हटाया नहीं गया है जबकि जांच अधिकारी द्वारा अभिलेखीय आधार पर यह पाया गया है कि "श्री वंशीलााल, वर्क सुपर-वाईजर की मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति कूटरचित एवं फर्जी है। साथ ही इसी प्रकरण में दोषी समस्त अधिकारियों,कर्मचारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए बी०एन०एस० (आई०पी०सी०) की सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया जाना चाहिए था।आखिर कौन बचा रहा है दोषियों को जबकि इस मामले में लिप्त अधिकारियों कर्मचारियों पर दंडात्मक कार्रवाई क्यों नहीं कि गई हैं । ये कहीं और नहीं उत्तरप्रदेश लोक निर्माण विभाग के ताकतवर बाबू जो कि 2016 से कंप्यूटर सेल में प्रधान सहायक के पद पर तैनात हैं।
जब से कंप्यूटर सेल में आये हैं तब से आउटसोर्सिंग और कंप्यूटर की खरीद में खूब सरकार को चूना लगाया है, इसकी सूचना जब पुराने विभागाध्यक्ष को लगी तो उन्होंने इसकी जांच एक समिति बनाकर कराई, जिसमे इनको नियम 7 के तहत सीधे सस्पेंड और दूरस्थ स्थानांतरण के आदेश मुख्यालय-2 को 27 अगस्त को दिए गए.. लेकिन मुख्यालय-2 के मुख्य अभियंता अभी तक फ़ाइल को क्यूँ दबाये बैठे हैं।क्या वहां भी कोई खेल चल रहा है ?