लखनऊ : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने में भले ही अभी दो साल बाकी हैं. लेकिन राजनीतिक तैयारी में सभी दल जुट गए हैं. एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी अपने प्रदेश अध्यक्ष को लेकर ऊहापोह में है तो वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी गठबंधन को लेकर चिंतित है और उसे मजबूत करने में जुटी हुई है. इसी कड़ी में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दो टूक के जरिए यह स्पष्ट कर दिया है कि इंडिया गठबंधन को वह ताकत देना चाहते हैं और किसी तरह से उसमें दरार नहीं आने देना चाहते हैं.
‘जिनको नहीं रहना वो चले जाएं’
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि यूपी में 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए इंडिया गठबंधन पूरी तरह से तैयार है और जो लोग इसका हिस्सा नहीं बनना चाहते, वे चले जाएं. लगातार दूसरे दिन उन्होंने दोहराया कि सपा इंडिया गठबंधन के तहत ही विधानसभा चुनाव लड़ेगी. अखिलेश यादव का यह बयान कांग्रेस के सहारनपुर सांसद इमरान मसूद की पिछले महीने की टिप्पणियों पर मीडिया द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में आया है, जिसमें उन्होंने मुख्य रूप से इस बात पर नाराजगी व्यक्त की थी कि यूपी में इंडिया गठबंधन के भीतर पुरानी पार्टी को दूसरे नंबर पर रखा जा रहा है.
इमरान मसूद के बयान पर पलटवार
कुछ दिन पहले इमरान ने एक्स पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस अब 2024 के लोकसभा चुनावों में सपा द्वारा लागू किए गए फॉर्मूले को स्वीकार नहीं करेगी और पार्टी यूपी में 200 सीटों पर 2027 के विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. बता दें कि यूपी की कुल 80 संसदीय सीटों में से कांग्रेस ने 17 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जबकि सपा ने शेष 63 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब इमरान के पोस्ट पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया, तो अखिलेश ने कहा: “सोशल मीडिया पर किसी ने क्या पोस्ट किया है या किसी पत्रकार ने क्या ट्वीट किया है, इस पर मुझे कुछ नहीं कहना है.”
मुस्लिम मदाताओं को खींचने में जुटी सपा
अखिलेश यादव ने कहा, “हमारा इंडिया गठबंधन बरकरार है, जिनको जाना है इंडिया गठबंधन से चला जाए. सूत्रों ने बताया कि सोमवार को अखिलेश की अध्यक्षता में हुई सपा की अल्पसंख्यक शाखा की बैठक में वरिष्ठ पदाधिकारियों ने मसूद द्वारा सपा के खिलाफ बयान जारी करने का मुद्दा उठाया. बैठक में बताया गया कि इमरान के बयानों से मुस्लिम समुदाय में इंडिया गठबंधन के सहयोगियों के बीच संबंधों को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है. हालांकि, अखिलेश ने बैठक में शामिल लोगों से बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने की दिशा में काम करने और मुस्लिम समुदाय की चिंताओं को दूर करने के लिए कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के समक्ष इस मुद्दे को उठाने का आग्रह किया.
आजम खान राजनीतिक परिदृश्य से बाहर
राजनीतिक हलकों में मसूद द्वारा सपा को निशाना बनाने और उसके वरिष्ठ पदाधिकारियों पर मुसलमानों से जुड़े मुद्दों को सक्रियता से संबोधित नहीं करने का आरोप लगाने वाले बयानों को यूपी में समुदाय का चेहरा बनने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि राज्य में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करने वाले सबसे बड़े नेताओं में से एक मोहम्मद आजम खान जेल जाने और बीमारी के कारण लगभग राजनीतिक परिदृश्य से बाहर हो चुके हैं.