अगर आप सेहतमंद रहने के लिए कोई इंस्टैंट विकल्प की तलाश कर रहे हैं तो भाीगा हुआ बादाम या भीगी हुई मूंगफली आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। ऐसे में अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि दोनों में से सेहत के लिए कौन ज्यादा बेहतर है? दरअसल, दोनों ही पौष्टिक गुणों से भरपूर होते हैं। आइए दोनों में फर्क जानते हैं। ये भी जानेंगे कि सेहत के लिहाज से कौन ज्यादा बेहतर है।
भीगे हुए बादाम खाने के फायदे
बादाम पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसे अगर रात भर पानी में भिगोकर रख दिया जाए और सुबह खा लिया जाए ताे यह आसानी से पच सकता है। इसके न्यूट्रिएंट्स भी अच्छे से शरीर में अब्सॉर्ब हो जाते हैं।
बादाम में विटामिन E और ओमेगा-3 फैटी एसिड की अच्छी मात्रा पाई जाती है। ये याददाश्त और फोकस को बेहतर बनाते हैं।
इसके अलावा इसमें मौजूद हेल्दी फैट्स कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करते हैं।
बादाम में मौजूद फाइबर कब्ज से राहत दिलाता है।
विटामिन E और एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर बादाम को खाने से त्वचा ग्लोइंग बनती है। बाल भी मजबूत होते हैं।
भीगी हुई मूंगफली खाने के फायदे
मूंगफली को ‘गरीबों का बादाम’ कहा जाता है। इसमें पोषण तो भरपूर होता है लेकिन कीमत बादाम के मुकाबले इसकी काफी कम होती है। भिगोकर खाने से यह और भी सेहतमंद बन जाती है।
मूंगफली में अच्छी मात्रा में प्रोटीन होता है। इसे खाने से शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है और ये मसल्स बनाने में भी मददगार है।
मूंगफली में फाइबर और फैट्स की मात्रा अच्छी होती है। इससे पेट लंबे समय तक भरा हुआ महसूस करता है। आप ओवरईटिंग से बच सकते हैं।
मूंगफली ग्लाइसेमिक इंडेक्स में कम होती है, जिससे यह डायबिटीज वालों के लिए भी ठीक है।
इसके अलावा मूंगफली में मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स होते हैं जो हार्ट हेल्थ को सपोर्ट करते हैं।
दोनों में से क्या है बेहतर
यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी सेहत की जरूरतें क्या हैं। अगर आप दिमागी विकास, त्वचा और बालों की सेहत को सुधारना चाहते हैं तो आपको भीगा हुए बादाम को डाइट में शामिल करना चाहिए। वहीं अगर आप बजट में हेल्दी प्रोटीन, एनर्जी और दिल की सेहत चाहते हैं, तो मूंगफली एक बेहतरीन विकल्प है।