इस्लामाबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिका में जिस तरह से ग्रांड वेलकम किया गया, उससे दुनियाभर में भारत की बढ़ती साख और प्रभाव का अंदाजा लगाया जा सकता है. पीएम मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच ऐसे समय में तकरीबन 4 घंटे तक द्विपक्षीय बैठक हुई, जब वॉशिंगटन के टैरिफ अटैक से पूरी दुनिया सहमी हुई है. मीटिंग के बाद मोदी-ट्रंप की ओर से साझा बयान जारी किया. यह बयान आतंकियों के पनाहगाह पाकिस्तान की गाल पर करारा तमाचा है. पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने पाकिस्तान को सीधा मैसेज देते हुए अपनी जमीन का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए न करने की चेतावनी दी है. साथ ही मुंबई और पठानकोट हमलों का भी जिक्र किया गया है और गुनहगारों को सजा दिलाने को कहा गया है.
मोदी-ट्रंप के साझा बयान के बाद जिसकी उम्मीद जताई जा रही थी, वही हुआ. परेशान पाकिस्तान की ओर से वही घिसपिटा बयान सामने आया है. पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने शुक्रवार को एक संयुक्त बयान में पाकिस्तान के खिलाफ भारत और अमेरिका द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया. पाकिस्तान ने इसे एकतरफा, भ्रामक और डिप्लोमेटिक स्टैंडर्ड के विपरीत बताया है. यह साझा बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक दिन पहले व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात के बाद आया है. इसमें साल 2008 के मुंबई हमले में पाकिस्तान की कथित संलिप्तता का हवाला दिया गया और इस्लामाबाद पर आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप लगाया गया.
पाकिस्तान के उड़े होश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साझा बयान से पाकिस्तान हिल गया है. इसपर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने कहा, ‘हम 13 फरवरी को पाकिस्तान के संदर्भ में दिए गए भारत-अमेरिका संयुक्त बयान को एकतरफा, भ्रामक और डिप्लामेटिक स्टैंडर्ड के विपरीत मानते हैं.’ उन्होंने आगे कहा, ‘हमें आश्चर्य है कि अमेरिका के साथ पाकिस्तान के आतंकवाद विरोधी सहयोग के बावजूद साझा बयान में यह संदर्भ जोड़ा गया है.’