मंदिरों में 'प्रसाद' के जरिए निशाना बनाने की तैयारी में थे गुजरात में पकड़े गए आतंकी
पकड़े गए आतंकी


लखनऊ : गुजरात की एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) की कार्रवाई में अहमदाबाद से गिरफ्तार तीन आतंकियों ने सनसनीखेज खुलासा किया है. खुरासान मॉड्यूल से जुड़े डॉक्टर मोहिउद्दीन, लखीमपुर खीरी के सोहेल और शामली के आजाद सैफी ने कबूल किया कि वे नई दिल्ली, लखनऊ और अहमदाबाद के प्रमुख मंदिरों में आने वाले भक्तों को ‘प्रसाद’ के जरिए निशाना बनाने की तैयारी कर रहे थे. प्रसाद में जानलेवा केमिकल ‘रिसिन’ मिलाकर बड़े पैमाने पर लोगों को मारने की प्लानिंग की गई थी.

सूत्रों के अनुसार, तीनों आरोपी अफगानिस्तान में बैठे हैंडलर अबू खदीजा के सीधे संपर्क में थे. उनके मोबाइल फोन से रिसिन बनाने की विस्तृत जानकारी, मंदिरों की रेकी, फोटो और वीडियो बरामद हुए हैं. गिरफ्तारी के दौरान आरोपियों से खतरनाक केमिकल रिसिन का स्टॉक भी जब्त किया गया, जो जैविक हथियार की श्रेणी में आता है.

मंदिरों की रेकी, प्रसाद में जहर का प्लान
पूछताछ में सोहेल और आजाद ने बताया कि उन्होंने पिछले कुछ महीनों में लखनऊ के हनुमान सेतु मंदिर, अहमदाबाद के जगन्नाथ मंदिर और दिल्ली के कुछ प्रमुख धार्मिक स्थलों की रेकी की थी. प्लान था कि मंदिरों से वितरित होने वाले प्रसाद में रिसिन मिलाकर भक्तों को खिलाया जाए. एक छोटी मात्रा में भी रिसिन इंसान की जान ले सकता है–यह कास्टर बीन्स से निकाला जाने वाला अत्यंत घातक जहर है. आरोपियों ने कबूल किया कि हैंडलर ने उन्हें निर्देश दिया था कि “धार्मिक स्थलों पर हमला कर दहशत फैलाओ, ताकि समाज में विभाजन हो.” रिसिन को प्रसाद में मिलाने की ट्रेनिंग उन्हें ऑनलाइन दी गई थी. एटीएस को शक है कि यह प्लान त्योहारों या बड़े मेलों के दौरान अंजाम दिया जाना था.

यूपी के मदरसा से हाफिज की तामील, फिर आतंकी मॉड्यूल
सोहेल और आजाद दोनों मुजफ्फरनगर के एक मदरसे से हाफिज की पढ़ाई पूरी कर चुके हैं. इसके बाद वे सोशल मीडिया पर कट्टरपंथी सामग्री से प्रभावित हुए और खुरासान मॉड्यूल से जुड़ गए. डॉक्टर मोहिउद्दीन, जो पेशे से चिकित्सक हैं, केमिकल की जानकारी होने के कारण मॉड्यूल में अहम भूमिका निभा रहे थे. वे रिसिन तैयार करने के लिए जिम्मेदार थे. यूपी एटीएस की एक टीम अभी भी गुजरात में डेरा डाले हुए है. सोहेल और आजाद के यूपी नेटवर्क को खंगाला जा रहा है. लखीमपुर, शामली, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर में उनके संपर्कों पर छापेमारी चल रही है. एटीएस को शक है कि मॉड्यूल में और भी लोग शामिल हो सकते हैं, जिन्हें हथियार और फंडिंग की सप्लाई दी जा रही थी.

रिसिन: जैविक हथियार की श्रेणी में
विशेषज्ञों के अनुसार, रिसिन इतना खतरनाक है कि 1 मिलीग्राम मात्रा भी इंसान को मार सकती है. इसे निगलने, सांस के जरिए या इंजेक्शन से दिया जा सकता है. 1978 में बुल्गारियन असंतोषी जॉर्जी मार्कोव की हत्या इसी जहर से हुई थी. एटीएस ने बरामद केमिकल को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है.

फरीदाबाद मॉड्यूल के भी निशाने पर थे मंदिर 
फरीदाबाद से गिरफ्तार डॉ मुजम्मिल और डॉ शाहीन शाहिद, उसके भाई डॉ परवेज ने अब तक जो खुलासा किया है उसके मुताबिक उनके निशाने पर अयोध्या का राम मंदिर और काशी विश्वनाथ मंदिर थे. डॉ शाहीन अयोध्या के अपने स्लीपर सेल को एक्टिव भी कर चुकी थी और 6 दिसंबर के दिन हमले की प्लानिंग थी. हालांकि इससे पहले जम्मू कश्मीर पुलिस और हरियाणा ATS ने इस मॉड्यूल का खुलासा कर दिया. हालांकि, इनका साथ डॉ उमर नबी ने दिल्ली के लाल किले के पास i20 कार में रखे विस्फोटक के साथ खुद को उड़ा दिया. इस हमले में 12 लोगों की मौत हुई थी.



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