दो दिवसीय दौरे पर गोरखपुर आए मुख्यमंत्री का पूरा जोर आमजन की सुविधाओं पर रहा। उनके चार आधिकारिक कार्यक्रम हों, जनता दर्शन या अधिकारियों के साथ आंतरिक बैठक, हर जगह आम लोगों की सुविधाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर वह सजग नजर आए।
सड़क, बिजली, स्वास्थ्य एवं शिक्षा व्यवस्था से जुड़ी कमियों पर उन्होंने नाराजगी भी जताई और संबंधित अधिकारियों को चेतावनी भी दी। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि किसी भी दशा में लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री रविवार को गोरखपुर पहुंचे थे। उन्होंने सबसे पहले व्यापारियों के साथ संवाद किया। इसमें उन्होंने विकास के लिए व्यापारियों की ओर से किए गए सहयोग की चर्चा की। व्यापारियों के हित में किए गए प्रयासों का जिक्र करते हुए वह आम लोगों की सुविधा का जिक्र करना नहीं भूले।
उन्होंने शहर को जाम से मुक्त बनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया और हर कदम पर व्यापारी समाज से मिले सहयोग को सराहा। शहर की पुरानी मंडियों में लगने वाले जाम को समाप्त करने की दिशा में जरूरी व्यवस्थाएं करने के लिए एक बार फिर उन्होंने सहयोग मांगा।
अगला कार्यक्रम राजकीय इंटर कालेजों के प्रधानाचार्यों एवं अशासकीय वित्तीय सहायता प्राप्त इंटर कालेजों के प्रबंधकों एवं प्रधानाचार्यों के साथ संवाद का था। मुख्यमंत्री ने यहां भी सहृदयता दिखाई और एक-एक कर सभी प्रधानाचार्य एवं प्रबंधक का परिचय जाना। यह सिलसिला लंबा चला, लेकिन सबको अपनी बात कहने का पूरा मौका मिला।
स्कूलों की जर्जर स्थिति और संसाधनों की कमी का मुद्दा प्रबंधकों ने उठाया तो उन्हें माध्यमिक विद्यालयों के कायाकल्प की जानकारी दी गई और परिषदीय विद्यालयों की तरह इंटर कालेजों की दशा सुधारने का भरोसा मिला। यह पूरा सत्र जरूरतमंद परिवारों से आने वाले बच्चों को सुविधायुक्त माहौल में गुणवत्तापरक शिक्षा देने पर केंद्रित रहा।
दूसरे दिन प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत लाभार्थियों के खाते में धनराशि भेजते हुए उन्होंने सभी जरूरतमंदों को आवास देने को कहा। शाम को अधिवक्ताओं के कार्यक्रम में उन्होंने आमजन को त्वरित न्याय देने की महत्ता बताते हुए कहा कि समयबद्ध व सस्ता न्याय ही सुशासन की प्राथमिक शर्त है।
सीवर लाइन के निर्माण से जनता को हो रही परेशानी पर टोका
मुख्यमंत्री ने जल निगम की ओर से शहर के विभिन्न क्षेत्रों में कराए जा रहे सीवर लाइन के कार्य की समीक्षा भी की। उन्हें इस बात की जानकारी थी कि सड़क को खोदकर छोड़ दिया जा रहा है, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि सीवर लाइन के निर्माण में मानकों का पालन किया जाए।
किसी भी दशा में इससे आम लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए। जनता दर्शन के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि आम लोग न्याय के लिए भटकने न पाएं। समय से उनके मामलों का निस्तारण किया जाए।
कल्याण मंडपम को जल्द से जल्द देना चाहते हैं मूर्त रूप
मुख्यमंत्री जरूरतमंद परिवारों को कम कीमत पर मांगलिक कार्यक्रमों के लिए स्थल उपलब्ध कराने को लेकर काफी संजीदा हैं। पिछले दौरे में उन्होंने शहर में छह स्थानों पर कल्याण मंडपम बनाने की घोषणा की थी। इसकी जिम्मेदारी नगर निगम व जीडीए को दी गई थी।
इस बार गोरखनाथ मंदिर में अधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने दोनों विभाग के अधिकारियों से उसकी प्रगति पूछी। नगर निगम एवं जीडीए ने अपने-अपने डिजाइन प्रस्तुत कर दिए। अब करीब 10 स्थानों पर पहले चरण में कल्याण मंडपम बनाए जाएंगे। जिला प्रशासन इसके लिए जमीन उपलब्ध कराएगा।
सड़क पर अंधेरा देख महसूस कर ली बिजली की समस्या
रविवार की शाम मुख्यमंत्री सर्किट हाउस से गोरखनाथ मंदिर के लिए निकले तो धर्मशाला के पास सड़क पर अंधेरा नजर आया। उन्होंने अधिकारियों को तलब कर लिया। कारण पूछने पर बताया गया कि वर्षा के चलते ट्रांसफार्मर जल गया है।
मुख्यमंत्री ने इस पर नाराजगी जताते हुए व्यवस्था सुदृढ़ बनाने को कहा। महराजगंज में तीन दिन से हो रही कटौती की खबर भी उन्हें थी। मुख्य अभियंता को व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए।