लखनऊ : कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है. राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर दाखिल याचिका का इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने निपटारा कर दिया है. इस याचिका में राहुल गांधी की नागरिकता को चुनौती दी गई थी. हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर को यह छूट दी है कि वह अन्य कानूनी वैकल्पिक उपाय अपना सकते हैं. प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इस अर्जी को निस्तारित किए जाने के पीछे केंद्र सरकार का रुख भी रहा, जिसकी वजह से हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया.
जस्टिस एआर मसूदी व जस्टिस राजीव सिंह की बेंच ने कहा कि केंद्र सरकार याची की शिकायत को निस्तारित करने की कोई समय सीमा नहीं बता पा रही है. ऐसे में इस याचिका को विचाराधीन रखने का कोई औचित्य नहीं रह जाता. लिहाजा, याची दूसरे वैकल्पिक विधिक उपाय अपनाने के लिए स्वतंत्र है. यह कहते हुए हाईकोर्ट लखनऊ बेंच ने राहुल गांधी की नागरिकता को चुनौती देने वाली याचिका को निस्तारित कर दिया है.
हाईकोर्ट के इस फैसले पर कांग्रेस की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है. कांग्रेस नेता दीपक सिंह ने पोस्ट कर BJP पर निशाना साधते हुए कहा कि राहुल गांधी के विरुद्ध दायर फर्जी याचिका ख़ारिज होना भाजपाईयों को सबक़ है. राहुल गांधी को परेशान करने के लिए उनकी नागरिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने ख़ारिज कर दिया है.
इस मामले में पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से दस दिनों में फाइनल रिपोर्ट तलब की थी. हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि 10 दिनों में इस मामले में याची की ओर से दाखिल प्रतिवेदन को निस्तारित किया जाए. पिछली सुनवाई पर केंद्र सरकार की ओर से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की गई थी. कर्नाटक के एस विग्नेश शिशिर ने जनहित याचिका में दलील दी थी कि उनके पास तमाम दस्तावेज और ब्रिटिश सरकार के कुछ ईमेल हैं जिससे साबित होता है कि राहुल गांधी एक ब्रिटिश नागरिक हैं. इस कारण राहुल गांधी चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं और लोकसभा सदस्य का पद धारण नहीं कर सकते.
याचिका में राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता को बीएनएस और पासपोर्ट एक्ट की तहत अपराध बताया गया. मामले में सीबीआई को केस दर्ज कर जांच करने की भी मांग की गई थी. याची के मुताबिक, दोहरी नागरिकता के संबंध में सक्षम प्राधिकारी को दो-दो बार शिकायतें भेजी गईं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. कार्रवाई न होने के बाद ही हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई.