ज्योतिषियों की मानें तो पितृ पक्ष के छठे दिन एक साथ 3 शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इन शुभ योग में पितरों को तर्पण देने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। साथ ही पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइए, पितृ पक्ष के छठे दिन का पंचांग और शुभ योग के बारे में जानते हैं-
शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि 05 अक्टूबर को सुबह 05 बजकर 41 मिनट तक है। इसके बाद सप्तमी तिथि शुरू हो जाएगी।
सिद्धि योग
पितृ पक्ष की षष्ठी तिथि पर सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। सिद्धि योग पूजा-पाठ के लिए शुभ होता है। साथ ही अधिकांश शुभ कार्यों के लिए भी श्रेष्ठ माना जाता है। इस दौरान पितरों को तर्पण करने से सुख, समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह योग दिन भर है।
रवि योग
पितृ पक्ष के छठे दिन रवि योग का भी निर्माण हो रहा है। हालांकि, रवि योग का निर्माण संध्याकाल में हो रहा है। पंचांग के अनुसार, रवि योग संध्याकाल 06 बजकर 29 मिनट से लेकर अगले दिन यानी 05 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 16 मिनट तक है।
सर्वार्थ सिद्धि योग
पितृ पक्ष के छठे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण दिन भर है। इस योग में पितरों की पूजा करने से आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही अक्षय फल की प्राप्ति होती है।
करण
पितृ पक्ष की षष्ठी तिथि पर गर और वणिज करण का निर्माण हो रहा है। गर करण का निर्माण संध्याकाल 05 बजकर 31 मिनट तक हो रहा है। इसके बाद वणिज करण का योग है। ज्योतिष गर और वणिज करण को शुभ कार्यों के लिए उत्तम मानते हैं।
रुद्राभिषेक
पितृ पक्ष की षष्ठी तिथि पर रुद्राभिषेक हेतु शुभ योग नहीं है। अत: आज (षष्ठी तिथि पर) रुद्राभिषेक न करें। इस दिन भगवान शिव भोजन और ध्यान में रहेंगे। इस दौरान रुद्राभिषेक न करने की सलाह दी जाती है। पुराण में वर्णित है कि भगवान शिव के ध्यान में रहने के दौरान रुद्राभिषेक करने से पूजा का पुण्य फल प्राप्त नहीं होता है।
पंचांग
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 38 मिनट से 05 बजकर 27 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 08 मिनट से 02 बजकर 55 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 04 मिनट से 06 बजकर 28 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 46 मिनट से 12 बजकर 34 मिनट तक
- अमृत काल - दोपहर 03 बजकर 14 मिनट से शाम 04 बजकर 51 मिनट तक
अशुभ समय
- राहुकाल - दोपहर 12 बजकर 10 मिनट से 01 बजकर 38 मिनट तक
- गुलिक काल - सुबह 10 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 10 मिनट तक
- दिशा शूल - उत्तर
- सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
- सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 15 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 04 मिनट पर