UN एजेंसी ने दिया हमास के हमले तो अमेरिका समेत इन देशों रोकी फंडिंग
ब्रिटेन, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, स्विटजरलैंड और फिनलैंड ने रोकी फंडिंग.


नई दिल्ली :  इजरायल-हमास के जंग के बीच अमेरिका सहित 6 देशों ने संयुक्त राष्ट्र संघ की एक एजेंसी UNRW की फंडिंग बंद कर दी है. इजरायल ने UNRWA नाम की संस्था के 12 कर्मचारियों पर हमास के आतंकियों के साथ मिलकर 7 अक्टूबर के हमले में शामिल होने के आरोप लगाए गए थे. इसके बाद एजेंसी ने इन सभी को बर्खास्त कर दिया. इस ऐजेंसी का गठन 1948 में किया गया था. 

बता दें कि अमेरिका, ब्रिटेन, नीदरलैंड, स्वीटजरलैंड, फिनलैंड, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी और इटली ने UNRWA को फंड नहीं देने का ऐलान किया है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका इन आरोपों से बेहद परेशान है कि यूएनआरडब्ल्यूए के बारह कर्मचारी सात अक्टूबर को इजरायल पर हमास आतंकवादी हमले में शामिल हो सकते हैं.

बयान में आगे कहा कि इसी कारण विदेश विभाग ने यूएनआरडब्ल्यूए के लिए अतिरिक्त फंडिंग को अस्थायी रूप से रोक दिया है. ब्रिटेन सरकार ने कहा कि वह इजरायल के आरोपों से “स्तब्ध” है. यह एजेंसी गाजा, वेस्ट बैंक, जॉर्डन, लेबनान और सीरिया में फिलिस्तीनियों को स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और अन्य मानवीय सहायता प्रदान करता है. यह गाजा के अंदर लगभग 13,000 लोगों को रोजगार देता है. जब से इजरायल ने 7 अक्टूबर के हमलों के जवाब में अपना आक्रमण शुरू किया है, यूएनआरडब्ल्यूए ने सैकड़ों हजारों विस्थापित नागरिकों को आश्रय देने के लिए गाजा में अपनी सुविधाओं का उपयोग किया है. उसका कहना है कि उसने इजरायल द्वारा दी गई जानकारी की जांच के आदेश दिए हैं.

इजरायल लंबे समय से यूएनआरडब्ल्यूए समेत संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न शाखाओं पर पक्षपात और यहां तक कि यहूदी विरोधी भावना का आरोप लगाता रहा है. बीबीसी से बात करते हुए, संगठन के पूर्व मुख्य प्रवक्ता, क्रिस्टोफर गुनेस ने कहा कि यूएनआरडब्ल्यूए को सहायता का निलंबन असंगत था और इससे गाजा में और अधिक पीड़ा हो सकती है. गुनेस का मानना है कि यूएनआरडब्ल्यूए ने आंतरिक जांच पूरी होने से पहले स्टाफ सदस्यों को बर्खास्त करके अपनी शून्य-सहिष्णुता नीति का प्रदर्शन किया है.

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