लखनऊ :समाजवादी पार्टी ने ऐन मौके पर गुपचुप तरीके से कई उम्मीदवार बदल दिए। स्थिति यह है कि पार्टी की ओर से घोषित सूची में नाम किसी और का है और बाद में नामांकन किसी दूसरे उम्मीदवार ने कर दिया। यह समस्या लगातार बनी हुई है। ऐसे में पार्टी के नेता दबी जुबान से यह भी कहने लगे हैं कि पर्चा दाखिल कर देना, पार्टी का उम्मीदवार होने की गारंटी नहीं है।
इसी तरह जालौन जिले की कालपी सीट से पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीराम पाल को पार्टी की पहली सूची में उम्मीदवार घोषित किया गया, लेकिन बाद में उन्हें मना कर दिया गया। यहां से कांग्रेस से आए विनोद चतुर्वेदी ने सपा उम्मीदवार के तौर पर पर्चा भरा है। कुछ ऐसी ही स्थिति बांदा के नरैनी की भी रही। यहां पार्टी ने दद्दू प्रसाद को उम्मीदवार घोषित किया, लेकिन पर्चा भरा है जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्ष किरन वर्मा ने।
पार्टी में कई लोग टिकट के लिए जूझ रहे हैं, तो कई ऐसे हैं जो टिकट मिलने के बाद मनचाही सीट नहीं होने की वजह से मना भी कर दे रहे हैं। मलिहाबाद से टिकट लेने के बाद पूर्व सांसद सुशीला सरोज ने मना कर दिया था, तो उन्हें मोहनलालगंज से मैदान में उतारा गया है। इसी तरह बुधवार को जारी सूची में मटेरा से मो. रमजान को मैदान में उतारा गया, लेकिन उन्होंने एक टीवी चैनल से बातचीत करते हुए वहां से चुनाव लड़ने से मना कर दिया है। मो. रमजान का कहना है कि मटेरा विधानसभा क्षेत्र में काम नहीं किया है। ऐसे में वहां से चुनाव लड़ने का कोई मतलब नहीं है। नई जगह से टिकट देना था तो पहले बताना चाहिए था।