नई दिल्ली:-भारत की महान तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने शुक्रवार को अपना अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच खेला, झूलन ने पत्रकारों से बातकरते हुए बताया की क्रिकेट के दो दशक के करियर में एकदिवसीय विश्व कप ना जीत पाने के लिए उन्हें दुःख है
गोस्वामी शनिवार को प्रतिष्ठित लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे वनडे के बाद संन्यास ले लेंगी, इस दौरान भावुक होते हुए गोस्वामी ने कहा कि वह नाम और प्रसिद्धि देने के लिए क्रिकेट की आभारी हैं, लेकिन करियर में विश्व कप ट्रॉफी का ना होना हमेशा एक अधूरेपन का एहसास दिलाएगा।
विश्व कप जीतना हर खिलाड़ी के लिए सपना होता है
वस्तुतः भारतीय टीम 2005 और 2017 के 50 ओवर के विश्व कप के संस्करणों के दौरान दूसरे सर्वश्रेष्ठ स्थान पर रही थी। झूलन नेआगे कहा की "मैंने दो विश्व कप फाइनल खेले हैं, अगर हम कम से कम एक जीत जाते, तो यह मेरे और टीम के लिए बहुत अच्छाहोता। हर व्यक्ति अपने लक्ष्य के प्राप्ति के लिए कार्य करता है। हमने 2-3 फाइनल खेले, लेकिन हम जीत पाए और यही मेरा एकमात्र अफसोस है॥
आप चार साल जमकर विश्व कप की तैयारी करते हैं। बहुत मेहनत लगती है।विश्व कप जीतना हर क्रिकेटर के लिए सपने के सच होने जैसा होता है। लेकिन जहां से मैं देख रही हूं, महिला क्रिकेट का ग्राफ ऊपर ही गया है.
"जब मैंने शुरुआत की तो मैंने इतने लंबे समय तक खेलने के बारे में कभी नहीं सोचा था। यह एक शानदार अनुभव था। मैं स्वयं को भाग्यशाली मानती हूं की मै इतने लम्बे समय तक क्रिकेट खेल पायी॥