लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार राजधानी लखनऊ में तीन दिवसीय यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (यूपीजीआईएस)-2023 का शुभारंभ किया. समिट में करीब 25 लाख करोड़ रुपये के निवेश के करार होने की उम्मीद है. इससे दो करोड़ रोजगार के अवसर सृजित होने की संभावना है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि उत्तर प्रदेश के इतिहास में यह पहला अवसर है, जब एक साथ सभी 75 जनपदों में निवेश हो रहा है.
यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के साथ ही देश को पांच ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के संकल्प को पूर्ण करेगा. समिट में हिस्सा लेने पहुंचे रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी का मानना है कि कानून व्यवस्था में सुधार और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार के कारण यूपी नए भारत के लिए आशा का केंद्र बन गया है. प्रदेश के विकास के लिए उद्योग और सहयोग दोनों की आवश्यकता है। इसे यूपी पूरा कर रहा है.
रिलायंस समूह के मुकेश अंबानी, टाटा संस के के चंद्रशेखरन, बिड़ला समूह के कुमार मंगलम बिड़ला, महिंद्रा ग्रुप के आनंद महिंद्रा जैसी हस्तियां निवेशकों का प्रतिनिधित्व करेंगी. इसमें 40 देशों के 400 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. विदेश से भी 7.12 लाख करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है.
13 देशों के उद्योगपति करेंगे निवेश
इस समिट में 13 देशों से ज्यादा के उद्योगपति राजधानी लखनऊ में हजारों करोड़ के एमओयू साइन करेंगे. जिन देशों के औद्योगिक विकास मंत्रियों को निमंत्रण भेजा गया, उनमें संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), जापान, जर्मनी, थाईलैंड, मैक्सिको, साउथ अफ्रीका, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, नीदरलैंड, बेल्जियम, कनाडा एवं अर्जेंटीना शामिल हैं. समिट में करीब 22 लाख करोड़ रुपये के निवेश के करार होने की उम्मीद है.