पढ़े -अमेरिकी रेगुलेटर की ओर से संकटग्रस्त सिलिकॉन वैली बैंक को बंद करने का फैसला
फाइल फोटो


अमेरिकी रेगुलेटर की ओर से संकटग्रस्त सिलिकॉन वैली बैंक को बंद करने का फैसला लिया जा चुका है और इसके साथ जमा पर  बैंक से नियंत्रण ले लिया है। इसे अमेरिका में 2008 के बाद सबसे बड़ा बैंकिंग क्रासिस माना जा रहा है।

बता दें, सिलिकॉन वैली बैंक अमेरिका का 16 वां सबसे बैंक है और इसमें निवेशकों की 175 अरब डॉलर की राशि जमा है। इसके संकट में आने के कारण अमेरिका के साथ दुनिया के बाजारों में गिरावट देखी जा रही है।

कैसे सिलिकॉन वैली बैंक हुआ फेल?

सिलिकॉन वैली बैंक ज्यादातर स्टार्टअप कंपनियों को ही फंड करता था। इसके साथ बैंक ने अपना अधिकतर निवेश यूएस बॉन्ड्स में किया था। अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दर बढ़ाने के कारण बॉन्ड्स की वैल्यू कम हो गई।

वहीं, दूसरी तरफ महंगाई बढ़ने और कारणों से स्टार्टअप की फंडिंग में कमी आने लगी और इस कारण बैंक से बड़ी मात्रा में ग्राहक निकासी करने लगे। बैंक को सभी ग्राहकों को भुगतान करने के लिए अपने बॉन्ड्स को नुकसान में बेचना पड़ा। बैंक ने बताया कि इस वजह से उसे करीब दो अरब डॉलर का नुकसान हुआ है।

अमेरिकी रेगुलेटर ने उठाएं ये कदम-

अमेरिकी रेगुलेटर की ओर से सिलिकॉन वैली बैंक को बंद कर दिया गया है। फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (Federal Deposit Insurance Corporation (FDIC)) की ओर से बैंक के जमा पर नियंत्रण हासिल कर लिया गया है। इसके साथ एफडीआईसी ने बैंक के डिपॉजिटरों को विश्वास दिलाया है कि सोमवार को बैंक की भी ब्रांच खुलेंगी।

  • संपत्ति के मुताबिक दुनिया के सबसे बड़े बैंकिंग क्रासिस
  • एचबीओएस (यूनाइटेड किंगडम) - 17 सितंबर, 2008 - 811 अरब डॉलर
  • वाशिंगटन म्यूचुअल (अमेरिका) - 25 सितंबर, 2008- 307 अरब डॉलर
  • सिलिकॉन वैली बैंक (अमेरिका) - 10 मार्च, 2023- 209 अरब डॉलर
  • साक्सेन एलबी (जर्मनी) - 25 अगस्त, 2007 - 92 अरब डॉलर
  • ब्रैडफोर्ड एंड बिंगले (यूनाइटेड किंगडम) - 29 सिंतबर, 2008 - 63 अरब डॉलर
  • इंडीमैक (अमेरिका) - 11 जुलाई, 2008 - 32 अरब डॉलर
  • इसके अलावा लेहमन ब्रदर्स भी 15 सितंबर, 2008 के दिवालिया हो गया था। इस समय कंपनी एसेट्स करीब 639 अरब डॉलर थी।


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