बंगलूरू : कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) को हार का सामना करना पड़ा है। सूबे की सत्ता अब कांग्रेस के हाथ में चली गई है। आंकड़ों को देखें तो चुनाव में कांग्रेस ने 135 सीटों पर जीत दर्ज की। 2018 में कांग्रेस को 80 सीटें मिली थीं। वहीं, भाजपा 104 से 66 सीटों पर सिमट गई। जेडीएस को भी 18 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है। जेडीएस के केवल 19 प्रत्याशी ही चुनाव जीत पाए। चार सीटें अन्य के खाते में गईं।
चुनाव नतीजों ने भाजपा को एक बड़ी चिंता भी दे दी है। वह यह है कि अगर यही हाल रहा तो अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को बड़े नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। ..
कर्नाटक के सारे समीकरण. पर विचार करें तो यह दशा भाजपा के लिए च्न्तागणक है । यहाँ लोकसभा की कुल 28 सीटें हैं। 2019 में हुए आम चुनावों में इनमें से 25 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली थी। कांग्रेस और जेडीएस के खाते में एक-एक सीट गई थी। एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार की जीत हुई थी।
कर्नाटक में कुल 28 लोकसभा सीटें हैं। इनमें बागलकोट, बैंगलोर सेंट्रल, बैंगलोर उत्तर, बैंगलोर दक्षिण, बैंगलोर ग्रामीण, बेलगाम, बेल्लारी, बिदार, बिजापुर, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कोडी, चित्रदुर्ग, दक्षिण कन्नड़, दावणगेरे, धारवाड़, गुलबर्गा, हासन, हावेरी, कोलार, कोप्पल, मांड्या, मैसूर, रायचूर, शिमोगा, तुमकुर, उडुपी चिकमंगलूर, उत्तर कन्नड़ शामिल हैं।
अब नतीजों की तुलना करें तो…आंकड़ों को देखें तो लोकसभा की 20 सीटों पर कांग्रेस का दबदबा देखने को मिला है। मतलब इन 20 ।
सीटों के तहत आने वाली विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने भाजपा और जेडीएस उम्मीदवारों को बुरी तरह से पटखनी दे दी है। तीन सीटों पर बराबर की लड़ाई है।
चार सीटों पर भाजपा और एक सीट पर जेडीएस मजबूत दिखी। अगर विधानसभा के इन्हीं नतीजों को लोकसभा में बदल दिया जाए तो आज के समय भाजपा को 25 में से लोकसभा की 21 सीटें गंवानी पड़ सकती हैं।
आंकड़ों को देखें तो लोकसभा की 20 सीटों पर कांग्रेस का दबदबा देखने को मिला है। मतलब इन 20 लोकसभा सीटों के तहत आने वाली विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने भाजपा और जेडीएस उम्मीदवारों को बुरी तरह से पटखनी दे दी है।
तीन सीटों पर बराबर की लड़ाई है। चार सीटों पर भाजपा और एक सीट पर जेडीएस मजबूत दिखी। अगर विधानसभा के इन्हीं नतीजों को लोकसभा में बदल दिया जाए तो आज के समय भाजपा को 25 में से लोकसभा की 21 सीटें गंवानी पड़ सकती हैं।