सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के शपथग्रहण समारोह में ममता बनर्जी नहीं होंगी शामिल
ममता बनर्जी


कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी अपनी बड़ी जीत के बाद सीएम के शपथग्रहण समारोह से विपक्षी एकता की चमकती तस्वीर दिखाना चाहती थी। अब इस कार्यक्रम से पहले ही कांग्रेस के इस प्लान को झटका लग गया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इससे दूरी बनाने का फैसला किया है।

ममता ने अपनी सांसद को बनाया प्रतिनिधि

ममता ने कर्नाटक के सीएम के शपथग्रहण समारोह से दूरी बनाते हुए अपनी प्रतिनिधि को कार्यक्रम में भेजने का फैसला किया है। इसकी जानकारी देते हुए सांसद डेरेक ओब्रायन ने कहा कि टीएमसी सांसद काकोली घोष दस्तीदार बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से कर्नाटक के मनोनीत मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के शपथग्रहण समारोह में शामिल होंगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कई मुख्यमंत्रियों और पार्टी नेताओं को निमंत्रण दिया है और उन्हें व्यक्तिगत रूप से इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया है।

विपक्ष के इन बड़े नेताओं को भेजा गया निमंत्रण

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को इस समारोह में आमंत्रित किया है। नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला को भी निमंत्रण भेजा गया है।

वहीं, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, सीपीआई-एम के महासचिव सीताराम येचुरी और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव के साथ जदयू प्रवक्ता राजीब रंजन को भी निमंत्रण भेजा गया है। सीपीआई महासचिव डी राजा को खरगे ने फोन कर बुलाया है, जिनके शामिल होने की अधिक संभावनाए हैं।

इन नेताओं को नहीं भेजा गया न्योता

जानकारी के अनुसार, कांग्रेस ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री और बीआरएस नेता के चंद्रशेखर राव, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, ओडिशा के मुख्यमंत्री और बीजद नेता नवीन पटनायक और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन को कोई निमंत्रण नहीं भेजा है।


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