विदेश में नौ महीने से बंदी रहे 16 भारतीय नागरिक स्वदेश लौटे
फाइल फोटो


नई दिल्ली : नाइजीरिया और इक्वेटोरियल गिनी में नौ महीने से बंदी रहे 16 भारतीय नागरिक अपने वतन लौट आए हैं। दोनों देशों की सरकार और भारत सरकार के बीच कई दौर की वार्ताओं के बाद भारतीय नागरिकों को रिहा किया गया। भारतीय नौसेना के एक अधिकारी ने बताया कि तेल का एक टैंकर एमटी हिरोइक इडुन और उसके 26 सदस्य दोनों देशों में पिछले अगस्त से बंदी थे । इन्हीं 26 लोगों में से 16 लोग भारतीय नागरिक थे।

अधिकारी ने बताया कि कैदियों को पहले गिनी में बंदी बनाया गया था और उन लोगों को बाद में नाइजीरिया भेज दिया गया। शिप और उसके कर्मचारी तेल चोरी सहित कई मामलों में अपराधी माने गये थे । कई दौर की वार्ताओं के बाद कर्मचारियों के ऊपर से सभी आरोप हटा दिए गए और शिप को भी अर्थदंड वसूलने के बाद छोड़ दिया गया। इस केस में भारतीय नागरिकों की परवी में जुटे अधिकारी लगातार दोनों देशों के संपर्क में थे। अधिकारी ने बताया कि भारत सरकार ने गिनी और नाइजीरिया में अपने मिशन, द्विपक्षीय बैठकों में मामले को उठाया था।

विदेश मंत्रालय ने भी कई स्तर पर भारतीय नागरिकों की रिहाई के लिए काम किया। नाइजीरियन सरकार के हस्तक्षेप के बाद कर्मियों को बंदी गृह में न ले जाकर उन्हें जहाज पर ही रहने दिया। उनके लिए खाने की व्यवस्था भी की गई। कर्मियों को नाइजीरियन सरकार ने समय-समय पर परिवार से बात करने की अनुमति भी दी थी। कानूनी प्रतिनिधित्व के लिए भारत सरकार ने शिपिंग कंपनी के साथ काम किया।

भारत लौटे 16 नागरिकों में से एक ने कहा कि भारत सरकार ने काफी मेहनत की है। वहां रहना हमारे लिए काफी खतरनाक था। लेकिन भारत सरकार ने हमारे लिए काफी मेहनत की। उन्होंने हमें भारत पहुंचाने के लिए काफी प्रयास किए हैं। मैं विदेश मंत्रालय, भारत सरकार और भारतीय राजदूत जी बालासुब्रमण्यम को शुक्रिया कहता हूं। 

वहीं एक अन्य नागरिक सानू जोश ने कहा कि मैं भारत आकर बहुत खुश हूं। भारत सरकार के कारण ही मैं अपने शहर, अपने घर, अपने परिवार और अपने बच्चों के साथ हूं। हमारे साथ बहुत अनहोनी हुई है। लेकिन सरकार हर पल साथ रही।


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