मोतियाबिंद न करें अनदेखा ,नहीं तो हो सकते हैं अंधेपन का शिकार
फाइल फोटो


मोतियाबिंद एक आम आंखों की समस्या है, जिसमें आंख के प्राकृतिक लेंस धुंधले या अस्पष्ट हो जाते हैं। आसान भाषा में समझें तो इस स्थिति में दिखना कम हो जाता है। मोतियाबिंद से पीड़ित लोगों की आंखो पर धुंधला बिम्ब बनता है, जिसकी वजह से उन्हें रात के समय देखने में मुश्किल होती है। इसके अलावा तेज रोशनी में भी देखने में दिक्कत होती है। यह आम समस्या है, जो कई लोगों में बढ़ती उम्र के साथ देखने को मिलता है। 

मोतियाबिंद के कारण

मोतियाबिंद आमतौर पर धीरे-धीरे विकसित होता है, हालांकि प्रगति की दर सभी व्यक्तियों में अलग-अलग हो सकती है। उम्र का बढ़ना मोतियाबिंद का प्राथमिक कारण है, अन्य कारक भी इसके विकास में योगदान कर सकते हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं:


  1. सूर्य की अल्ट्रावॉयलेट किरणों के लंबे समय तक संपर्क में रहना
  2. कुछ चिकित्सीय स्थितियां ,जैसे मधुमेह या उच्च रक्तचाप
  3. कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवाओं का दीर्घकालिक उपयोग
  4. आँख की चोट या आघात
  5. धूम्रपान
  6. जेनेटिक कारक
  7. मोतियाबिंद के सामान्य लक्षणों में निम्न शामिल हैं:
  8. आंखों में धुंधलापन
  9. कम रोशनी में देखने को दिक्कत होना
  10. तेज रोशनी के प्रति संवेदनशीलता
  11. स्पष्ट रूप से देखने में कठिनाई
  12. रंग फीका या पीला दिखाई देना

मोतियाबिंद के निदान में देरी क्यों नहीं करनी चाहिए

मोतियाबिंद एक ऐसी समस्या है, जिसका अगर समय रहते इलाज न कराया जाए, तो यह गंभीर रूप ले सकती हैं। ऐसे में मोतियाबिंद के निदान में देरी क्यों नहीं करनी चाहिए, इसकी वजह से धुंधली दृष्टि और स्पष्ट रूप से देखने में कठिनाई होती है। समय के साथ, मोतियाबिंद बिगड़ सकता है, जिससे गंभीर दृष्टि दोष और अंधापन भी हो सकता है। हालांकि, समय रहते इसका पता चल जाए, तो मोतियाबिंद की प्रगति को धीमा किया जा सकता है या रोका भी जा सकता है।

बुजुर्गों के लिए जरूरी अच्छी दृष्टि

डॉक्टर आगे बताते हैं कि इस समस्या का शुरुआत में निदान करने से नेत्र चिकित्सकों को मोतियाबिंद के विकास की बारीकी से निगरानी करने में मदद मिलती है। ऐसे में वह जीवनशैली में बदलाव करने के लिए प्रोत्साहित करने के साथ ही आपके लिए सही चश्मा और नियमित आंखों की जांच की सलाह दे सकते हैं। एक अच्छी दृष्टि कई तरह की दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करती है, खासकर बुजुर्गों में यह बेहद जरूरी होती है।

अच्छी दृष्टि हमें अपने सुरक्षित रहने, बाधाओं की पहचान करने और संतुलन बनाए रखने में मदद करती है। ऐसे में मोतियाबिंद का शीघ्र पता लगाने और इसका सही उपचार करने से दुर्घटनाओं के जोखिम को काफी कम किया जा सकता है, जिससे वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक सुरक्षित और अधिक स्वतंत्र जीवन सुनिश्चित होता है।

40 साल के बाद कराएं नियमित जांच
आंखों की नियमित जांच बेहद महत्वपूर्ण है, खासकर यदि आप 40 साल से ऊपर हैं या अपनी दृष्टि में कोई बदलाव देखते हैं। ऐसे में विशेषज्ञों की मदद लेने में देर न करें। प्रारंभिक निदान मोतियाबिंद को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने और आने वाले वर्षों के लिए स्पष्ट और स्वस्थ दृष्टि सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।


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