घंटी बजाए बिना पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता
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मंदिर की घंटी ईश्वर प्राप्ति का माध्यम माना जाता है, इसलिए प्रवेश के समय इसकी ध्वनि बहुत ज्यादा फायदेमंद मानी जाती है। पूजा करते समय घंटी मुख्य रूप से बजाई जाती है। मंदिरों में बड़ा घंटा रखा जाता है जो पूजा के समय बजाया जाता है। जब तक घंटी नहीं बजाई जाती तब तक कोई भी पूजा पूरी नहीं मानी जाती। रोज घर या मंदिर में घंटी बजाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

घंटी के फायदे

ज्योतिष के अनुसार, मंदिर के कुछ ऐसे नियम हैं जिनका पालन करने से आपको देव-दर्शन का पूर्ण लाभ मिलता है। मंदिर प्रवेश के समय घंटा बजाने से आपका संदेश सीधे ईश्वर तक पहुंचता है और आपकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

मंदिरों में क्यों लगाई जाती है घंटी

ऐसा माना जाता है कि, अगर आप प्रवेश के समय इसे बजाते हैं, तो आपके शरीर की सभी समस्याएं मंदिर में प्रवेश करते ही दूर होने लगती हैं और आपका मन भी शुद्ध हो जाता है। घंटा बजाने से व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है, जिससे आपके आस-पास अच्छा वातावरण बना रहता है। मंदिर में प्रवेश से पहले घंटा बजाने से तन और मन पवित्र हो जाता है, जिससे प्रवेश के समय आप शुद्ध भाव से ईश्वर के दर्शन कर पाते हैं।

घंटी बजाने का लाभ

घंटी बजाने से जो ध्वनि निकलती है वो आपके शरीर के सात चक्रों को सक्रिय कर देती है। घंटे की इस आवाज से मस्तिष्क के दाएं और बाएं लोब के बीच सामंजस्य बनता है। यह ध्वनि देवताओं के सिद्धांत को बरकरार रखती है और बुरी ऊर्जाओं को दूर भगाती है। घंटे की ध्वनि शरीर के भीतर सभी नकारात्मक विचारों और बुराइयों को दूर करती है।


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