इस बार एक नहीं दो महीने का होगा सावन, वर्षों बाद बन रहा खास संयोग
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वाराणसी :आज मंगलवार से शुरू हो रहा सावन का महीना भगवान शिव का प्रिय महीना माना गया है। ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ की पूजा-आराधना और जलाभिषेक करने से सभी तरह की मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं। इस बार का सावन बहुत ही खास रहने वाला होगा। अधिकमास के कारण सावन का महीना एक बजाय दो महीनों का होगा। सावन के महीने का समापन 31 अगस्त 2023 को होगा। ऐसे में सावन के महीने में कुल 8 सोमवार व्रत आएंगे और 9 मंगला गौरी व्रत रखे जाएंगे। 19 वर्षों के बाद इस तरह का संयोग देखने को मिल रहा है। आइए जानते हैं सावन के महीने से जुड़ी खास-खास बातें…

सावन का महीना देवों के देव महादेव को समर्पित है। इस माह में शिव जी के भक्त पूरी श्रद्धा-भाव से अपने आराध्य देव की पूजा करते हैं। हर साल श्रावण मास यानी सावन महीने की शुरुआत आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि के अगले दिन से होती है। इस बार सावन का पवित्र महीना 4 जुलाई 2023 से शुरू हो रहा है, जो कि 31 अगस्त 2023 को समाप्त होगा। यानी इस बार भक्तों को देवों के देव महादेव की उपासना के लिए कुल 59 दिन मिलने वाले हैं। माना जा रहा है कि ऐसा संयोग कई वर्षों बाद बन रहा है। वहीं इस बार भोलेनाथ के भक्तों को उनकी उपासना करने के लिए 4 के बजाय 8 सावन के सोमवार मिलेंगे। 

ऐसे में चलिए जानते हैं इस बार ऐसा संयोग क्यों बन रहा है । वैदिक पंचांग की गणना सौर मास और चंद्र मास के आधार पर की जाती है, जिसमें चंद्र मास 354 दिनों का होता है। वहीं सौर मास 365 दिन का। दोनों में 11 दिन का अंतर आता है और तीसरे साल यह अंतर 33 दिन का हो जाता है, जिसे अधिक मास कहा जाता है। ऐसे में इस बार सावन दो महीने का होने वाला है।

धर्म शास्त्रों के अनुसार अधिक मास के स्वामी भगवान विष्णु हैं। वहीं सावन का महीना शिव जी को समर्पित है। ऐसे में इस बार सावन और अधिकमास साथ में पड़ने से भगवान शिव शंकर के साथ विष्णु की भी कृपा प्राप्त होगी। हिंदू धर्म में सावन का महीना बेहद पवित्र माना जाता है। इस पूरे माह में भोलेनाथ के भक्त शिव जी को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए विधि-विधान से पूजा करते हैं। साथ ही कुंवारी कन्याएं मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए सोलह सोमवार का व्रत भी करती हैं।


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