ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने पिछले दिनों भले ही बिजली की दर न बढ़ाए जाने की बात कही थी लेकिन पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने फ्यूल सरचार्ज के एवज में बिजली महंगी करने के प्रस्ताव को उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग से वापस नहीं लिया। इस पर आयोग ने 1.09 रुपये प्रति यूनिट तक बिजली दर बढ़ाने संबंधी कारपोरेशन के प्रस्ताव को अब हरी झंडी दे दी है।
आयोग ने दी बिजली दर बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी
ऐसे में दीपावली से पहले घरेलू बिजली 56 पैसे प्रति यूनिट तक और महंगी हो सकती है। दुकान (वाणिज्यिक) की बिजली 87 पैसे और उद्योगों की 74 पैसे प्रति यूनिट तक महंगी होगी। आयोग द्वारा पहली बार मंजूर किए गए प्रस्ताव को अब पावर कारपोरेशन की वेबसाइट पर अपलोड कर सार्वजनिक किया जाएगा। कोई भी विद्युत उपभोक्ता तीन सप्ताह में प्रस्तावित दरों पर आपत्ति दर्ज करा सकेगा। सभी आपत्तियों को निस्तारित कर दरों को अंतिम रूप दिया जाएगा।
एक अक्टूबार से लागू हो सकती हैं बिजली की बढ़ी हुई दरें
माना जा रहा है कि बढ़ी हुई दरें उत्तर प्रदेश में एक अक्टूबर से लागू होंगी। दरअसल, जनवरी, फरवरी व मार्च की चौथी तिमाही के लिए फ्यूल सरचार्ज के नाम पर कारपोरेशन प्रबंधन ने बिजली महंगी कर उपभोक्ताओं से 1437 करोड़ रुपये वसूलने के लिए 26 जुलाई को आयोग में प्रस्ताव दाखिल किया था। दाखिल प्रस्ताव के मुताबिक कारपोरेशन ने फ्यूल सरचार्ज के मद में 61 पैसे प्रति यूनिट के आधार पर अलग-अलग श्रेणीवार औसत बिलिंग दर के जरिए 28 पैसे से 1.09 रुपये प्रति यूनिट तक बिजली की दरों में बढ़ोतरी प्रस्तावित की है।
वैसे तो फ्यूल सरचार्ज के मद में 12 पैसे प्रति यूनिट बिजली महंगी करने का प्रस्ताव पहले भी कारपोरेशन ने आयोग को सौंपा था लेकिन आयोग ने उसे खारिज कर दिया था। एक जनवरी 2020 को फ्यूल सरचार्ज के एवज में बिजली महंगी करने का पहली बार आदेश भी हो गया था लेकिन अगले ही दिन आयोग ने उस पर रोक लगा थी।
प्रस्ताव असंवैधानिक, सस्ती हो 30 पैसे प्रति यूनिट बिजली
- फ्यूल सरचार्ज के एवज में कारपोरेशन के प्रस्ताव को असंवैधानिक बताते हुए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने भी आयोग में याचिका दाखिल की है।
- प्रस्ताव को खारिज करने की मांग करते हुए परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि कानूनन 30 पैसे प्रति यूनिट बिजली सस्ती होनी चाहिए।
- प्रस्ताव को आयोग की अवमानना बताते हुए वर्मा का कहना है कि आयोग ने जून 2020 में इस संबंध में कानून बनाया था जिसे कारपोरेशन प्रबंधन ने दरकिनार कर मनमाने तरीके से बिजली महंगी करने का प्रस्ताव दाखिल किया।
- परिषद अध्यक्ष के मुताबिक जब उपभोक्ताओं का ही बिजली कंपनियों पर लगभग 33,122 करोड सरप्लस निकल रहा है तब फिर इस तरह का प्रस्ताव खारिज होना चाहिए।
- वर्मा ने बताया कि उपभोक्ताओं के हित में हम जोरदार तरीके से इसकी लड़ाई लड़ेंगे।
- उपभोक्ताओं की श्रेणी - प्रस्तावित फ्यूल सरचार्ज (प्रति यूनिट) घरेलू (बीपीएल) -
- 28 पैसे घरेलू (सामान्य) - 44 से 56 पैसे
- वाणिज्यिक(दुकान) - 49 से 87 पैसे
- किसान(निजी ट्यूबवेल) - 19 से 52 पैसे
- लघु व मध्यम उद्योग - 67-74 पैसे
- बड़े व भारी उधोग - 54 से 64 पैसे
- रेलवे ट्रैक्शन – 71-85 पैसे नान इं
- डस्ट्रियल बल्कलोड -76 पैसे-1.09 रुपये