देवों के देव महादेव बाबा बरखंडी नाथ धाम
फाइल फोटो


लखनऊ से 90 किलोमीटर दूर लखनऊ गोंडा रोड पर करनैलगंज स्थित बाबा बरखंडी नाथ धाम एक भव्य और विशालतम मंदिर है यह स्वयंभू ज्योतिर्लिंग है पूजा अर्चना करने के बाद यहां के महंत सुनील पुरी पीठाधीश्वर से मंदिर के विषय में बातचीत हुई उन्होंने संवाददाता को बताया कि यह ज्योतिर्लिंग स्वयंभू है प्राचीन काल के राजा महाराजा इस शिवलिंग को निकाल कर कहीं और ले जाना चाहते थे कई राजाओं में इस पत्थर के शीला को निकालने का प्रयास किया किंतु यह शीला अपनी जगह से हिल नहीं महादेव ने सपना दिखाया और थक हार कर राजाओं ने यह शिवलिंग यही स्थापित कर दिया।

ऐसी मान्यता है कि यहां पर बाबा आपकी सारी मनोकामना पूरी करते हैं बाबा के ठीक सामने एक अखंड ज्योति जलती रहती है जो कि कई वर्ष से मंदिर के परिसर में स्थित है यहां एक कुआं भी है जिसमें पांच नदियों के जल डाले गए हैं बाबा इसी जल से रोज 50 से 100 बाल्टी स्नान करते हैं महंत जी ने बताया कि सरकार की तरफ से हमें कोई सहायता नहीं मिली यदि सरकार इस तरफ थोड़ा सा ध्यान दे दे तो मंदिर को और विशाल और सुंदर बनाया जा सकता है  दान पत्र में जो चंदा जमा होता है उससे ही मंदिर की देखरेख की जाती है।

जो दर्शनार्थ मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं वह ट्रेन बस या अपने साधन से आसानी से मंदिर तक पहुंच सकते हैं। यह धाम लखनऊ से 90 किलोमीटर गोंडा से 30 किलोमीटर और  बहराइच से 55 किलोमीटर है। दर्शनार्थी यहां आकर बाबा का दर्शन करके आशीर्वाद ले सकते हैं। यहां समय-समय पर मेले का भी आयोजन किया जाता है। बाबा बरखंडी नाथ धाम की जय जय बोलकर महंत जी ने अपनी बात समाप्त किया।


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