महिला आरक्षण बिल लोकसभा में हुआ पास, पीएम मोदी 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' दिया नाम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी


नई दिल्ली : संसद के विशेष सत्र का दूसरे दिन महिला आरक्षण बिल पास हो गया. मंगलवार को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश किया. इस बिल को नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल नाम दिया गया है. इसके साथ ही महिला सशक्तिकरण की दिशा में केंद्र सरकार का यह बड़ा कदम माना जा रहा है. इस बिल के पेश करने का प्रस्ताव पास हो गया है. अब कल इस बिल पर चर्चा होगी.

नई लोकसभा में अपने पहले संबोधन में पीएम मोदी ने ‘सभी सांसदों से इस बिल को सर्वसम्मति से पारित कराने की अपील की.’ पीएम मोदी ने नई संसद में अपने पहले संबोधन में महिला आरक्षण बिल का जिक्र करते हुए कहा कि ‘अनेक सालों से महिला आरक्षण के संबंध में बहुत चर्चाएं हुई हैं, बहुत संवाद हुए हैं. पहली बार यह साल 1996 में पेश हुआ था. अटल जी के समय भी कई बार पेश हुआ लेकिन नंबर न होने के कारण पास नहीं करा पाए. शायद ईश्वर ने ऐसे पवित्र काम के लिए मुझे चुना है.’

महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद विधानसभा की 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. इसके अलावा लोकसभा में भी महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण मिलेगा. यानी 181 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी. साथ ही दिल्ली विधानसभा में भी महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण मिलेगा.

कब-कब हुआ महिला आरक्षण विधेयक के प्रयास
महिला आरक्षण बिल साल 1996 से ही अधर में लटका हुआ है. उस समय एचडी देवगौड़ा सरकार ने 12 सितंबर 1996 को इस बिल को संसद में पेश किया था. लेकिन यह पारित नहीं हो सका था. यह बिल 81वें संविधान संशोधन विधेयक के रूप में पेश हुआ था. फिर साल 2010 में यूपीए सरकार में भी महिला आरक्षण विधेयक संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में पेश किया गया था. हालांकि राज्यसभा में यह पास हो गया था, लेकिन सहयोगी पार्टियों के दबाव के कराण विधेयक लोकसभा में नहीं लाया जा सका.


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