आज लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा
फाइल फोटो


संसद के विशेष सत्र के तीसरे दिन आज बुधवार को लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा होनी है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने नए संसद भवन में लोकसभा की पहली बैठक में मंगलवार को यह बिल पेश किया। इस बिल का नाम नारी शक्ति वंदन विधेयक रखा गया है। नारी शक्ति वंदन विधेयक पूरी तरह नया है। यह बिल पहले से राज्यसभा में पारित कानून से अलग है। इस पर आज लोकसभा में चर्चा होनी है।

महिला आरक्षण बिल कैसे लागू होगा

यह संविधान संशोधन विधेयक है इसलिए इस बिल को दोनों सदनों में दो तिहाई बहुमत से पास कराना अनिवार्य होगा। उसके बाद देश के कम से कम आधे राज्यों की विधानसभाओं से भी इसे पारित करना होगा, उसके बाद यह कानून बनेगा और देशभर में लागू होगा। लेकिन यह कानून जनगणना और नए परिसीमन के बाद ही प्रभावी होगा। नया परिसीमन 2026 में प्रस्तावित है। लेकिन यह भी स्पष्ट है कि यह कानून इस चुनाव में प्रभावी नहीं हो सकेगा। दरअसल, जनगणना के बाद ही महिलाओं की सही संख्या पता चलेगी और परिसीमन के बाद सीटों की संख्या भी बढ़ेगी जिसमें महिलाओं को आरक्षण मिलेगा।

बता दें कि केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा नया महिला आरक्षण विधेयक पेश किए जाने के बाद लोकसभा को भी 20 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। उच्च सदन की बैठक बुधवार सुबह 11 बजे फिर होगी। मंगलवार को संसद की नई बिल्डिंग में राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई। इस बीच, राज्यसभा में बोलते हुए सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक 2010 में ही पारित हो चुका था लेकिन उसे रोक दिया गया था। वह हमें श्रेय नहीं देते लेकिन मैं उनके ध्यान में लाना चाहता हूं कि महिला आरक्षण विधेयक 2010 में पहले ही पारित हो चुका था लेकिन इसे रोक दिया गया था। राजनीतिक दल 'कमजोर महिलाओं' को चुनते हैं, न कि शिक्षित महिलाओं को जो लड़ सकती हैं।

खरगे को सीतारमण का जवाब

हालांकि, खरगे की टिप्पणी पर नाराजगी जताते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि उनकी पार्टी ने अपनी महिलाओं को सशक्त बनाया है। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक महिला और आदिवासी महिला हैं। हम विपक्ष के नेता का सम्मान करते हैं, लेकिन यह बयान देना कि सभी पार्टियां उन महिलाओं को चुनती हैं जो प्रभावी नहीं हैं, बिल्कुल अस्वीकार्य है। हम सभी को हमारी पार्टी, प्रधानमंत्री द्वारा सशक्त बनाया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक सशक्त महिला हैं।

नए महिला आरक्षण बिल में क्या

नए महिला आरक्षण विधेयक में सभी जाति, वर्ग और धर्म की महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रविधान किया गया है। इस बिल में सभी वर्ग की महिलाओं को भी चुनाव लड़ने का अधिकार दिया गया है। पहले से एससी-एसटी के लिए आरक्षित 131 सीटों पर भी यह विधेयक लागू होगा। यानी आरक्षित सीटों की संख्या के एक तिहाई हिस्से पर उसी वर्ग की महिलाओं का अधिकार होगा। नए परिसीमन में यदि सीटों की संख्या बढ़ती है तो आरक्षित सीटों की संख्या भी उसी के अनुरूप बढ़ेगी। सभी सीटों पर महिला आरक्षण की अवधि 15 वर्ष होगी। उसके बाद समीक्षा होगी। अगर विस्तारित करने की सहमति बनेगी तो दोबारा सदन का सहारा लेना पड़ेगा।


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