दो दिवसीय राष्ट्रीय सिंधी अधिवेशन शुरू, 17 प्रदेशों और 75 जिलों के प्रतिनिधि पहुंचे राजधानी
फाइल फोटो


लखनऊ। राष्ट्रीय सिंधी अधिवेशन का दो दिवसीय आयोजन शनिवार को कानपुर रोड के होटल होलीडे इन में शुरू हुआ। जिसके मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक और विशिष्ट अतिथि शहजादा साईं मोहन लाल साहेब थे। अधिवेशन में 17 राज्य और 75 जिलों के साथ ही साउथ अफ्रीका, दुबई और सिंगापुर से सिंधी समाज के प्रतिनिधि उपस्थित थे।




प्रथम सत्र में शिव शांति आश्रम के संत साईं मोहनलाल ने झूलेलाल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की। आयोजक मंडल के वीरेंद्र खत्री, विवेक लदानी, राजेंद्र मनवानी और संजय आहूजा ने संत  का स्वागत किया। इसके बाद हुए संवाद में विभिन्न प्रदेशों से आए भीमेश अठवानी, अतुल राजपाल,  रवि सावलानी,जगदीश खटवानी, बलदेव खत्री और अजय डेबला ने धर्म और परिवार से जुड़े प्रश्न पूछे। श्री संत साईं ने सभी का बखूबी उत्तर दिया और अपनी जीवन यात्रा से सभी को परिचित कराया। 




साई और गुरु के महत्त्व पर प्रकाश डाला। अपनी संस्कृति को बढ़ाने के लिए समाज के लोगो से ही विवाह करने और अपने अपने स्थानों पर गुरु से जुड़े रहने की सलाह भी दी। 
द्वितीय सत्र में पहुंचे मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि देश को आगे बढ़ाने में सिंधी समाज ने हमेशा कंधे से कंधा मिलाकर योगदान किया है। सरकार बनाने से लेकर अर्थव्यवस्था सुधारने तक समाज के लोग सदा साथ रहे है।





इस अवसर पर समाज के बुजुर्ग और समाज की रीढ़ समझे जाने वाले सुरेश केशवानी, मुरली अदनानी, गुरमुख जगवानी, डॉ रवि प्रकाश टेकचंदानी ने विभाजन के समय अपनी अपनी भूमिका के बारे में सबको अवगत कराया और संघर्षों की दास्तान भी सुनाई। इस मौके पर राजू पंजाबी, संजय आहूजा, संजय गुरनानी, नितिन सचदेवा, सतेंद्र भवनानी और कपिल सावलानी ने आए हुए सभी अतिथियों को सम्मानित किया। 

अधिवेशन में मोहन दास लधानी, मुरलीधर आहूजा, वासुदेव चावला, सतीश अठवानी, संतराम चंदवानी, मनीष सावलानी, अनिल भटेजा, नरेश बत्रा और प्रकाश बजाज आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।


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