विश्वेश्वर व्रत से प्रसन्न होते हैं भोलेनाथ
फाइल फोटो


भोलेनाथ को भगवान विश्वेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। विश्वेश्वर व्रत मुख्य रूप से कर्नाटक में मनाया जाता है। इस विशेष दिन पर, येलुरु श्री विश्वेश्वर मंदिर में महादेव की अत्यधिक भक्ति भाव के साथ पूजा की जाती है। विश्वेश्वर व्रत कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि और भीष्म पंचक के तीसरे दिन यानी आज 25 नवंबर 2023 को मनाया जा रहा है।

विश्वेश्वर व्रत तिथि और समय

चतुर्दशी तिथि आरंभ - 25 नवंबर 2023 - 05:22

चतुर्दशी तिथि समाप्त - 26 नवंबर 2023 - 03:53

विश्वेश्वर व्रत का महत्व

विश्वेश्वर व्रत के अवसर पर भक्त येलुरु श्री विश्वेश्वर मंदिर में जाकर भगवान भोलेनाथ की विधि अनुसार पूजा करते हैं। विश्वेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह कर्नाटक के उडुपी जिले में येल्लूर के छोटे से गांव में स्थित है। यह मंदिर एक सहस्राब्दी से भी अधिक पुराना है, और यह बारह शिलालेखों में दिखाई देता है।

विश्वेश्वर व्रत पूजा विधि

इस शुभ दिन पर साधक को सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद भगवान शिव के सामने व्रत का संकल्प लेना चाहिए। इस दिन शिव लिंग पर फल, दूध और मिठाई चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है। पूजा का समापन भगवान शिव की आरती से करना चाहिए और व्रत का पारण अगले दिन सुबह सात्विक भोजन से करना चाहिए। अंत में भगवान विश्वेश्वर का आशीर्वाद लेने के लिए मंदिर जाना चाहिए।


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