विधानसभा चुनाव के बाद भी भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी
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विधानसभा चुनाव के बाद भी भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। भाजपा के मुख्य प्रवक्ता व पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने आरोप लगाया कि केयरटेकर मुख्यमंत्री के दबाव में कलेक्टर को हटाने की कार्रवाई हो या खुद के पाटन निर्वाचन क्षेत्र में आचार संहिता के उल्लंघन का मामला हो, इसकी जांच नहीं की जा रही है।

चंद्राकर ने पत्रकारवार्ता में आरोप लगाया कि राज्य निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से भाजपा द्वारा की गईं तमाम शिकायतों पर हमारे सामने बुलाकर, हमारी उपस्थिति में उसकी जांच कराई जाए। हमारा पक्ष भी सुना जाए और यदि उसको नस्तीबद्ध किया गया है तो उसकी ब्योरेवार जानकारी दी जाए।

चंद्राकर ने आरोप लगाया कि कर्मचारियों के भी मतदान में अनियमितता बरती गई। कर्मचारियों के मतदान का प्रतिशत ज्यादा हुआ। किसी कर्मचारी की चुनाव से ड्यूटी कट जाने पर उसका नाम हटाया गया परंतु वह कर्मचारी अपने मूल स्थान पर भी मतदान से वंचित हो गए। यह जानबूझकर किया गया क्योंकि केयरटेकर मुख्यमंत्री यह जानते थे कि कर्मचारी वर्ग कांग्रेस से नाराज है और जितना वह अधिक वोट करेंगे, उतनी कांग्रेस को क्षति होगी।

इसलिए कम से कम 25 हजार कर्मचारियों को मतदान से षड्यंत्रपूर्वक वंचित किया गया। पत्रकारवार्ता के दौरान प्रदेश प्रवक्ता अमित साहू, विधि प्रकोष्ठ सह संयोजक बृजेश पांडेय, निशिकांत पांडेय और ललित जैसिंघ भी मौजूद रहे।

हार की बौखलाहट में अफसरों को धमकाने पर उतर आए 

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा चुनाव हार रही है। हार की बौखलाहट में उसके नेता अब अधिकारियों को धमकाने पर उतर आए हैं। भाजपा की बौखलाहट स्वाभाविक है, लेकिन चुनाव में यदि आप हार रहे हैं तो इसका मतलब है कि जनता के मुद्दों के साथ सामने नहीं आए हैं।


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